आज तक आपने छोटे बच्चों को कंकड़ पत्थर खाते देखा होगा लेकिन अगर गलती से कुछ खाते वक्त हमारे मुँह में कोई पत्थर आ जाए तो खाने का पूरा स्वाद ही खराब हो जाता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी वृद्ध महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जो दिन में तीन बार बालू रेत खाती है। जी हाँ आपने सही सुना।

75 साल की कुसुमावती देवी प्रतिदिन आधा किलो तक बालू खाती है। कुसुमावती देवी सुबह चाहे नाश्ता करें तो भी समय से बालू जरूर खाती हैं और वह भी गंगा बालू, जिसके लिए इनके नाती पोते बकायदा इंतजाम करते हैं। आपको जानकार हैरानी होगी लेकिन कुसुमावती पिछले 40-45 सालों से लगातार दिन में तीन बार बालू खा रही हैं।

कुसुमावती देवी एक पोल्ट्री फार्म चलाती हैं। वे खेत के एक छोटे से हिस्से में ही घर बना कर रहती है। कुसुमावती के दो बेटे हैं, जिनके 3 बच्चे भी हैं। एक भरा पूरा परिवार है लेकिन यह अपनी कर्मठता की वजह से एक अलग घर में रहती हैं। अपने मन के अनुसार वो बालू का सेवन भी करती है। गांव के लोग बताते हैं कि उन्हें होश नहीं है यह कब से बालू खा रही हैं।

उन्होंने 18 साल की उम्र में एक वैद्य के कहने पर कंडे की राख खाना शुरू किया था जो धीरे-धीरे बालू में बदल गया है। कुसुमावती अब एक दिन भी बिना बालू रेत खाए नहीं रह सकती है।

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