पूरी दुनिया में कई ऐसे रहस्य है जिनके ऊपर से वैज्ञानिक भी पर्दा नहीं उठा पाए हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही रहस्य के बारे में बताने जा रहे हैं। ये पत्थर पहाड़ से जुड़ा हुआ है जो भारत के तमिलनाडु के महाबलीपुरम में स्तिथ है।

इस पत्थर का वजन 250 टन है फिर भी ये ढलान पर टिका हुआ है जो कि वैज्ञानिक रूप से मुमकिन ही नहीं है। सदियों से पहाड़ के ढलान पर लटका ये 20 फुट ऊंचा और 50 फुट चौड़ा पत्थर किसी रहस्य से कम नहीं है। इसे देख कर ऐसे लगता है कि ये कभी भी गिर सकता है। लेकिन आज हजारों वर्षों से यह पत्थर वैसा का वैसा बना हुआ है।

इसे देख कर ऐसा लगता है कि ये किसी शक्ति के कारण यहाँ पर टिका हुआ है। चेन्नई से लगभग 55 किलोमीटर दूर महाबलीपुरम नामक एक स्थान है। इसे बैलेंसिंग रॉक और ‘Krishna’s Butter Ball’ के नाम से भी जाना जाता है।

इस पहाड़ से जुड़ी हैं कई कहानियां

इस विशालकाय पत्थर को देख कर लगता है कि इस पर गुरुत्वाकर्षण बल काम ही नहीं करता है। महाबलीपुरम का पुराना नाम मामल्लापुरम था। यह वह स्थान है जहाँ पर अर्जुन ने तपस्या की थी। इसके बाद उनमें एक तपस्वी का बल जाग उठा था। एक बार अर्जुन महाबलीपुरम के पहाड़ी क्षेत्र से होकर गुजर रहे थे तभी उन्होंने देखा कि एक भारी भरकम पत्थर उनकी तरफ लुढ़कते हुए आ रहा है, उसे देख कर उन्हें लगा कि किसी ने षड्यंत्र के तहत उनकी तरफ फेंका है।

अर्जुन में घोर तपस्या करने से वह शक्ति आ गई थी कि कोई उनका कुछ बिगाड़ नहीं सकता है। जैसे ही अर्जुन को लगा कि वह लुढ़कता हुआ भारी भरकम पत्थर उनको दबाकर उनकी जान ले सकता है उन्होंने अपनी आंखें बंद की और कोई मंत्र पढ़ते हुए उस 250 टन के पत्थर को यह आदेश दिया कि वह जहां है वही रुक जाए। तब वह पत्थर वहीं पर रुक गया।

उसके बाद वह पत्थर कभी उस स्थान से नहीं हिला। कहते हैं कि अर्जुन का आदेश आज भी वह पत्थर मान रहा है। इस विशाल पत्थर को ढलान पर रोके रखने की अदभुत शक्ति के आगे विज्ञान के सारे तर्क फिजूल नजर आ रहें हैं।

Related News