भारतीय सेना की 5 सबसे खतरनाक गन, जिससे नाम सुनते कांपते हैं दुश्मन
भारतीय सेना दुनिया की सबसे टॉप 5 ताकतवर सेनाओं में से एक है, अमेरिका और चीन के बाद भारतीय आर्मी का ही नंबर आता है, भारतीय आर्मी के पास तमाम तरह के हथियार हैं और तमाम तरह की बंदूकें हैं। आज हम आपको सेना की 5 सबसे खतरनाक बंदूकों के बारे में बता रहे हैं।
इंसास राइफल- इस राइफल को एके-47 की तर्ज पर ही बनाया गया है, इसे भारत में ही तैयार किया जाता है,पहली बार इसका उत्पादन 1994 में हुआ था, जिस की पहली झलक 1998 में गणतंत्र दिवस की परेड में देखने को मिली थी,1999 के कारगिल युद्ध में इसका प्रयोग हुआ था।
पिस्टल ऑटो 9MM 1A- जब भी जम्मू-कश्मीर में कोई एनकाउंटर करना हो या नॉर्थ ईस्ट में ऑपरेशन करना हो, तब इस तरह के हथियार का सेना द्वारा इस्तेमाल किया जाता है,यह एक सेमी ऑटोमेटिक सेल्फ लोडिंग पिस्टल होती है, जिसमें 9×19mm की बुलेट का प्रयोग होता है।
AK-203- यह एके- सीरीज की सबसे एडवांस्ड राइफल है,AK-203 राइफल को पूरी तरह से लोड करने के बाद इसका वजन लगभग 4 किलोग्राम हो जाता है. इससे 1 मिनट में 600 गोलियां दागी जा सकती हैं।
विध्वंसक, एंटी मैटेरियल राइफल (ARM)- यह एक स्वदेशी गन है जिसका निर्माण ऑर्डिनेंस फैक्ट्री तिरुचिरापल्ली में होता है, यह 1800 मीटर तक की रेंज कवर करती है जिसका वजन 25 किलोग्राम और लंबाई 1.7 मीटर होती है।
ड्रेग्नोव SVD 59 स्नाइपर राइफल (DSR)- इस राइफल गन का इस्तेमाल पहली बार शीत युद्ध के दौरान किया गया था। इस राइफल में 7.62 × 54 MM का कारतूस का प्रयोग किया जाता है।