हिन्दू धर्म में महाभारत का बहुत महत्व है। वैसे तो हम सभी जानते है, महाभारत के युद्ध मे सबसे बड़ा विलन दुर्योधन था। उसी के अहंकार और पांडवो के प्रति ईर्ष्या द्वेष के कारण ही महाभारत का युद्ध हुआ। लेकिन आपको पता है, इतना अधर्मी होने के बाद भी दुर्योधन को स्वर्ग में कैसे स्थान मिला। तो चलिए आज जानते है, इसके पीछे की वजह।

महाभारत में दुर्योधन के कहने पर ही दुःशासन ने द्रौपदी का चीरहरण किया था। किंतु सोचने वाली बात यह है कि अगर मनुष्य एक नारी के साथ ऐसा कर सकता है, तो उसे भला स्वर्ग में कैसे स्थान मिल सकता है।

दुर्योधन के जीवन का एक ही लक्ष्य था कि, किसी भी तरह से राज्य सिर्फ उसे ही मिले। अपने इस लक्ष्य को पूरा करने के मध्य में जो भी आया उसे मार्ग से हटाने का पूरा प्रयास किया। ईश्वर के बनाये हुए नियम के अनुसार यदि कोई व्यक्ति अपने कर्मो के प्रति एक निष्ट रहता है, तो उसे कुछ ही समय के लिए सही स्वर्ग की प्राप्ति होती है।

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