चैती का चार दिवसीय अनुष्ठान छठ आज से शुरू होने वाला है। छठ की पूजा में साफ-सफाई और शुद्धता का विशेष ध्‍यान रखा जाता है। छठ को महापर्व कहते है, क्योकि इस पर्व को बहुत ही नियम पूर्वक से मनाते है। चार दिन का इस पर्व में पहले दिन नहाय-खाए ,दूसरे दिन लोहंडा ,तीसरे दिन सायंकालीन अर्घ्य और चौथे दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ अनुष्ठान संपन्न होता है। वैसे आज नहाय-खाए है।

आज के दिन गंगास्नान के बाद लौकी की सब्जी और अरवा चावल ग्रहण करना चाहिए। वहीं खरने के प्रसाद में ईख का कच्चा रस, गुड़ और चावल का बना प्रसाद ग्रहण करना चाहिए। सके बाद दो दिन तक पूरी तरह निराहार व निर्जला व्रत रखना होता है।

छठ पर्व को सूर्य उपासना का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। चैती छठ शरीर को शुद्ध रखने का भी पर्व है। वसंत और शरद ऋतु को संक्रमण का काल माना जाता है, और इसमें बीमारी का प्रकोप ज्यादा होता है। इस कारण से बीमारी के प्रकोप से बचाव के लिए आराधना व उपासना करना जरुरी माना जाता है।

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