माता के इस मंदिर में चोरी करने से मिलता है पुत्र प्राप्ति का वरदान
देश भर में अलग अलग परंपराएं और रीति-रिवाज हैं। दुनिया में ऐसे बहुत से देव स्थल है जिनकी मान्यता अनोखी है। एक रिवाज उत्तराखंड का भी ऐसा है जो बहुत ही आश्चर्य भरा लगता है। वह यह कि, दंपति को अगर पुत्र नहीं हो तो देवी मां के मंदिर में चोरी करनी होती है। उत्तराखंड के रुड़की के पास माता चूड़ामणि देवी का मंदिर है।
उत्तराखंड के ये मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि यहा माता के चरण में हमेशा लोकड़ा रहता है और इसी लोकड़ा को चुरा कर दंपति ले जाते हैं। इसे चोरी करने के बाद ही उन्हें पुत्र रत्न का वरदान माता देती हैं, और जब पुत्र हो जाता है, तो दंपति पुत्र के साथ वह लोकड़ा लेकर आते हैं और इसे माता के चरणों में वापस रख दिया जाता है। उसके बाद दंपति माता के आर्शीवाद से पाए पुत्र के हाथों भंडारा करवाते हैं।
1805 में लंढौरा रियासत के राजा ने मां चूड़ामणि मंदिर का निर्माण कराया था। एक बार राजा जंगल में सैर कर रहे थे तभी उन्हें माता की पिंडी का दर्शन हुआ। मां की पिंडी को देख राजा ने उनसे पुत्र की मांग की क्योंकि राजा का कोई भी पुत्र नहीं था। मां ने उन्हें पुत्र रत्न दिया। राजा ने मां के आर्शीवाद से पुत्र पाने के बाद यहां मंदिर का निर्माण कराया और तभी से लोकड़ा चुराने की परंपरा शुरू हो गई।