हिंदू पंचाग के मुताबिक, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है। बसंत पंचमी तिथि शरद ऋतु के समाप्ति का सूचक माना जाता है। इसी तिथि से बसंत ऋतु का आगमन माना जाता है। बसंत पंचमी तिथि मां सरस्वती को समर्पित है। इस विद्यार्थी बुद्धि और विद्या की देवी सरस्वती की पूजा-अर्चना करते हैं। विद्यार्थी इस दिन अपनी किताबों और पाठ्य सामग्री की पूजा करते हैं। यहां तक कि इस दिन शिशुओं की जीभ ॐ लिखा जाता है, ताकि उनका रूझान शिक्षा की तरफ हो सके।

शुभ मुहूर्त

चूंकि सरस्वती पूजा के लिए सूर्योदय और दोपहर के बीच का समय उपयुक्त माना जाता है। इस साल बसंत पंचमी तिथि 9 फरवरी को 12.25 बजे से शुरू हो रही है जो 10 फरवरी को दोपहर 2 बजे समाप्त हो जाएगी। पूजा के लिए 10 फरवरी को सुबह 7:07 से 12:35 बजे तक का समय श्रेष्ठ है।

हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन नींव पूजन, गृह प्रवेश, वाहन खरीदना, कारोबार शुरू करना आदि शुभ माना जाता है। विद्वतजन अपनी पुस्तकों की रचना भी इसी दिन शुरू करते हैं। बसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र पहनकर पूजा करना बहुत शुभ होता है। इस दिन पीले पकवान बनाना भी अच्छा माना गया है।

आपको जानकारी के लिए बता दें कि मां सरस्वती को समर्पित बसंत पंचमी तिथि किसी उत्सव से कम नहीं है। इस दिन से मौसम काफी सुहावना हो जाता है। ना तो ज्यादा सर्दी होती है और ना ही ज्यादा गर्मी। इसलिए बसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा कहा जाता है। बसंत पंचमी तिथि से पतझड़ गायब हो जाता है और चारो तरफ हरियाली की छटा बिखर जाती है। पेड़-पौधों से नई कोपलें निकलने लगती हैं।

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