यदि आप अपने शरीर में बदलाव देखना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको अपनी सोच बदलनी होगी। यह बिल्कुल सच है कि किसी भी काम को करने से पहले मन में दृढ़ निश्चय होना चाहिए, सही प्रक्रिया का पालन करना होता है, तभी आप लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं। आज हम आपको एक ऐसे डॉक्टर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपना लगभग 110 किलो वजन कम किया है।

2018 में जब मुझे एमबीबीएस के लिए कॉलेज में प्रवेश मिला, तब भी मेरी खाने की आदत में सुधार नहीं हुआ। फिर कुछ समय बाद मेरी तबीयत इतनी खराब हो गई कि मुझे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। डॉक्टरों ने मुझसे कहा, अगर ऐसा ही चलता रहा तो अगले 3 महीनों में मुझे कोई गंभीर बीमारी हो सकती है और मेरे बचने की संभावना बहुत कम है। वह मेरी जिंदगी का टर्निंग प्वाइंट था, जब मैंने मन ही मन फैसला किया कि अब मुझे अपना वजन कम करना है।

बता दे की, उन्होंने आगे कहा, 'जिसके बाद मेरे दोस्त ने एक फिटनेस कम्युनिटी ज्वाइन करने को कहा। जब मैं उस समुदाय के ट्रेनर विनोद वैथीस्वरन से मिला, तो उन्होंने मुझसे अपना वजन मापने के लिए कहा। मैंने इससे पहले कभी अपना वजन नहीं चेक किया था। फिर जब मैंने पहली बार वेट मशीन पर वेट चेक किया तो वह 194.5 किलो निकला। इसके बाद ट्रेनर ने मुझे मोटिवेट किया और फिर मेरा फिटनेस का सफर शुरू हुआ। आहार और कसरत के सही संयोजन के साथ, मैंने लगभग 2 वर्षों में 110 किलो वजन कम किया है।

इसी के साथ डॉ. अनिरुद्ध ने आगे कहा, 'मैंने मन ही मन ठान लिया था कि मुझे किसी भी हालत में वजन कम करना है. मेरे सफर के दौरान लॉकडाउन था लेकिन उस दौरान भी मैंने अपनी डाइट और वर्कआउट के साथ धोखा नहीं किया। इसी संकल्प के साथ मैंने अपना 110 किलो वजन कम किया। हालांकि, वजन घटाने के बाद मेरी त्वचा लटक रही थी। जिसके लिए मेरी सर्जरी हुई और डॉक्टरों ने अतिरिक्त त्वचा को हटा दिया। मैंने डाइटिंग नहीं की, मगर मात्रात्मक पोषण के साथ अपना वजन कम किया। क्वांटिफाइड न्यूट्रीशन वह होता है, जिसमें आपको यह देखना होता है कि आप कितना खाना खा रहे हैं। उस भोजन की कैलोरी और मात्रा का भी ध्यान रखना होता है। जिसके बाद प्रोटीन, फैट, कार्ब की मात्रा पर भी ध्यान दिया जाता है। मैं 2000 कैलोरी का उपभोग करता था और समय के साथ मैंने अपनी गतिविधि में वृद्धि की।

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