आखिर क्यों युधिष्ठिर ने नारी जाति को दिया है यह श्राप
महिलाओ को लेकर एक बात स्पष्ट है कि उनके पेट में कोई बात पचती नहीं है। वह किसी भी गोपनीय बात को ज्यादा समय या दिनों तक छुपा कर नहीं रख सकतीं। इस कथा के पीछे एक सच्ची घटना जुड़ी है। जिसके बारे में आज हम आपको बताएंगे। यह कहानी महाभारत से जुड़ी है। महाभारत युद्ध की एक घटना के बाद महिलाओं को शाप दिया। मान्यता है कि उसके बाद ही महिलाएं किसी रहस्य को हमेशा बरकरार नहीं रख सकतीं। महिलाओ को यह शाप देने वाले और कोई नहीं बल्कि युधिष्ठिर थे।
जब महाभारत का युद्ध अपनी चरम सीमा पर था, तब कर्ण मैदान में आया। उसका अर्जुन के साथ भयंकर युद्ध हुआ और वह युद्धभूमि में ही मारा गया। युद्ध के बाद पांडवों को इस बात का मालूम हुआ कि कर्ण उनका बड़ा भाई है। कुंती को भगवान सूर्य के आशीर्वाद से कर्ण का जन्म हुआ था। उस समय कुंती का विवाह नहीं हुआ था।
कुंती ने यह रहस्य किसी को नहीं बताया। कर्ण की मौत के बाद यह रहस्य खुला तो युधिष्ठिर और सभी पांडव बहुत दुखी हुए। तब युधिष्ठिर ने संपूर्ण विश्व की महिलाओं को यह शाप देते हुए कहा की वह किसी भी रहस्य्मय बात को ज्यादा दिनों तक छुपाकर नहीं रख पायेगी।