जानें क्यों नहीं ग्रहण करना चाहिये शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद
हिंदू धर्म में पूजा पाठ का बहुत महत्व है। लेकिन भगवान शिव की पूजा का विधि बहुत अलग है। देशभर में भगवान शिव की प्रतिमा से ज्यादा उनकी शिवलिंग की पूजा की जाती है। लेकिन आपको यह जान कर आश्चर्य होगा की भगवान शिव के हर स्वरूप पर चढ़ा प्रसाद ग्रहण नहीं करना चाहिए। मान्यता है प्रसाद ग्रहण करने के कुछ नियम हैं। इन नियमों का पालन नहीं करना इंसान पर भारी पड़ता है। तो आइए जानें की ऐसा क्या है कि शिव का प्रसाद ग्रहण करते हुए लोग डरते हैं।
चंडेश्वर को शिव के प्रसाद का अंश माना जाता है। चंडेश्वर भूत-पिशाच के देवता माने जाते हैं और मान्यता है कि, यदि शिव पर चढ़ा प्रसाद खा लिया जाए तो इससे चंडेश्वर नाराज हो जाते हैं। इसलिए शिवलिंग चढ़े प्रसाद को या तो बहती नदी में प्रवाहित करना चाहिए या किसी साधु-संयासी को देना चाहिए।
प्रतिमा पर रखे गए प्रसाद को आप खा सकते हैं। ये चंडेश्वर का अंश नहीं होता। जब भी आप शिव जी का प्रसाद ग्रहण करें इस बात की तस्दीक जरूर कर लें कि प्रसाद शिव जी के किस स्वरूप का है।