इंटरनेट डेस्क। हमारे जीवन में तकनीक इस हद तक विकसित की गई है कि हम स्मार्टफ़ोन के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं। जिस पल हम शुरूआती किशोरावस्था में आते हैं हम स्मार्टफोन की मांग करना शुरू कर देते हैं। हाल ही में हुई एक स्टडी के अनुसार कॉलेज जाने वाले छात्र एक दिन में 150 से अधिक बार अपने मोबाइल फोन को संभालते हैं।

रिसर्च -

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) ने एक साथ 20 से अधिक केंद्रीय विश्वविद्यालयों में रिसर्च की और इसके लिए 200 से अधिक छात्रों से मुलाकात की।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने स्मार्टफोन निर्भरता के विभिन्न पहलुओं और कॉलेज जाने वाले छात्रों के बीच बढ़ने वाली इस लत को समझने के उद्देश्य से इस रिसर्च को किया।

किसी भी तरह की चिंता और जानकारी लेने के लिए कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र औसतन हर दिन 150 से अधिक बार अपने मोबाइल फोन को देखते हैं जिससे कि उनके स्वास्थ्य के साथ-साथ एकेडमिक पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ता है।

केवल 26 प्रतिशत युवाओं का कहना था कि वे मुख्य रूप से कॉल करने के लिए स्मार्टफ़ोन का उपयोग करते हैं। बाकी सभी का यही कहना था कि वे फोन का इस्तेमाल सोशल नेटवर्किंग साइट्स या किसी तरह के मनोरंजन के लिए ही करते हैं।

रिजल्ट-

कम से कम 14 प्रतिशत छात्रों का ये कहना था कि एक दिन में तीन घंटे या उससे कम के लिए वे स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं जबकि उनमें से 63 प्रतिशत का ये मानना था कि वे रोज चार से सात घंटे तक इसका इस्तेमाल करते हैं।

रिसर्च करने वालों का कहना था कि परिणाम वाकई में चौंकाने वाले थे और लगभग 23 प्रतिशत (छात्रों में) दिन में आठ घंटे से अधिक समय तक अपने फोन का उपयोग करते हैं।

छात्र अपने स्मार्टफोनों के क्यों चिपके रहते हैं?

खैर, जवाब काफी स्पष्ट है। अनगिनत ऐप्स को एंड्रॉइड और आईओएस पोर्टल से मुफ्त में डाउनलोड किया जा सकता है। अध्ययन में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि चूंकि छात्रों के लिए इन ऐप्स को डाउनलोड करना और उपयोग करना आसान है, इसलिए पिछले कुछ दशकों में स्मार्टफोन का उपयोग काफी बढ़ गया है।

लगभग सभी ऐप्स इंटरनेट पर चलते हैं और इन दिनों कॉलेज कैंपस और हॉस्टलों में मुफ्त वाईफाई भी दिया जाता है।

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