इन कॉमेडियंस का दीवाना था पूरा बॉलीवुड, बिना इनके अधूरी मानी जाती थी फिल्म
इंटरनेट डेस्क| लोगों को हंसाना एक बहुत ही मुश्किल काम है और कॉमेडी करना एक बहुत ही मुश्किल काम है। ऐसा जरुरी नहीं है कि आपको हर बार लोगों को हंसाने में सफलता मिले। बॉलीवुड की फिल्में कॉमेडी के तड़के के बिना अधूरी मानी जाती है। बॉलीवुड फिल्मों में ये कॉमेडियन अपनी बातों और हरकतों से दर्शकों को हंसाने की कोशिश करते है।
हालाँकि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि पिछले कुछ वर्षों में हिंदी फिल्मों में कॉमेडी का स्तर काफी नीचे चला गया है। आज हम आपको बॉलीवुड के कुछ ऐसी ही कॉमेडियंस के बारे में बताने जा रहे है जिन्होंने अपनी कॉमेडी और एक्टिंग से दर्शकों का मनोरंजन किया है।
कादर खान -
कादर खान न केवल एक अच्छे कॉमेडियन है बल्कि एक स्क्रिप्ट राइटर, डायलॉग राइटर और डायरेक्टर भी है। उनके कॉलेज के एनुअल फंक्शन में उनकी एक्टिंग की बहुत तारीफ़ की गई थी जिसपर दिलीप कुमार का ध्यान गया। वहीं से उनका शानदार सफर शुरू हुआ था। कादर खान हिंदी फिल्म जगत के सबसे सीनियर कॉमेडियंस में से एक है जो कि 450 से ज्यादा हिंदी और उर्दू फिल्मों में काम कर चुके है।
असरानी -
फिल्म शोले में जेलर का किरदार तो आप सभी को याद होगा ही। इसी रोल से असरानी की गिनती अच्छे कॉमेडियंस में होने लगी थी। असरानी का पूरा नाम गोवर्धन असरानी है। असरानी ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1967 में 'हरे कांच की चूड़ियां' फिल्म से की थी लेकिन उनको सबसे ज्यादा नाम कॉमेडी के क्षेत्र में मिला।
जगदीप -
सईद इश्तिआक अहमद जाफरी को जगदीप के नाम से जाना जाता है जो कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री सबसे सीनियर कॉमेडियंस में से एक है। बॉलीवुड में बाल कलाकार के तौर पर कदम रखने वाले जगदीप 'शोले' फिल्म में अपने सूरमा भोपाली के किरदार से फेमस हुए थे।
महमूद -
महमूद के नाम से फेमस महमूद अली एक एक्टर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर थे लेकिन उनको कॉमेडी के लिए सबसे ज्यादा जाना जाता था। उन्होंने 4 दशक के अपने करियर में 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था। उन्हें 60 के दशक में कॉमेडी का किंग माना जाता था। महमूद और उनके सभी छह बेटों ने वर्ष 1978 में 'एक बाप छह बेटे' फिल्म में एक साथ अभिनय किया था।