सरकार के इस फैसले से निराश हुए हंसल मेहता और विशाल भारद्वाज सहित ये फिल्मी हस्तियां, बताया सिनेमा के लिए बुरा दिन, जानें पूरा मामला
बॉलीवुड के कई निर्माता और निर्देशक इन दिनों कानून मंत्रालय के एक फैसले से काफी निराश हैं। साथ ही फैसले को वह हिंदी सिनेमा के लिए सबसे बुरा बता रहे हैं। दरअसल हाल ही में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के आदेशों से नाखुश फिल्म निर्माताओं की अपील सुनने के लिए गठित एक सांविधिक निकाय फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण (एफसीएटी) को कानून मंत्रालय ने तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है।
कानून और न्याय मंत्रालय ने आदेश जारी करते हुए एक नोटिस जारी किया है। अब सीबीएफसी के फैसलों से नाखुश निर्माता और निर्देशकों को अपनी शिकायतों के निवारण के लिए एफसीएटी के बजाय हाईकोर्ट का रुख करना होगा। कानून मंत्रालय के इस फैसले से बॉलीवुड के कई निर्माता और निर्देशक काफी निराश है और इस फैसले को सिनेमा के लिए बुरा दिन बता रहे हैं।
बॉलीवुड के मशहूर निर्माता-निर्देशक हंसल मेहता ने मंत्रालय के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा, 'क्या फिल्म प्रमाणन की शिकायतों के समाधान के लिए उच्च न्यायालयों के पास इतना समय होता है? कितने फिल्म निर्माताओं के पास अदालतों का रुख करने का साधन होगा? एफसीएटी की छूट मनमाना लगती है और निश्चित रूप से प्रतिबंधात्मक है। यह दुर्भाग्यपूर्ण समय क्यों है? यह निर्णय क्यों लिया?'