आज यानि 29 जुलाई को अनूप जलोटा अपना जन्मदिन मना रहे हैं। इस विशेष अवसर पर, हम आपको अनूप जलोटा के एक और पक्ष से परिचित कराएँगे। वह गजल और भजन गाकर लोगों की दिनचर्या में शामिल हो जाता है। उनके भजन लोगों के मन में शांति स्थापित करने लगते हैं। भजन गायक अनूप जलोटा का जन्म 29 जुलाई 1953 को नैनीताल में हुआ था। अनूप जलोटा को भजन गायक के रूप में पहचाना जा सकता है, लेकिन उनका कहना है कि उन्होंने कभी ग़ज़ल नहीं छोड़ी, और वे हमेशा इसके साथ जुड़े रहे हैं।

अनूप जलोटा ने कहा "वह ग़ज़ल छोड़कर भजन में नहीं लौटे हैं, लेकिन वे दोनों विधाओं से जुड़े हुए हैं। जिन श्रोताओं का शब्द से कोई संबंध नहीं है, उनके लिए उर्दू के कठोर शब्दों को समझना बहुत मुश्किल हो जाता है, जबकि भजन है दुनिया भर में। शास्त्रीय संगीत में पारंगत भजनों के गायक अनूप जलोटा ने कहा कि गजल आती-जाती रहती है, लेकिन भजन सदाबहार है।

यह अलग बात है कि गजल गायक की तुलना में दर्शकों ने मुझे एक भजन गायक के रूप में ज्यादा पसंद किया है। जलोटा ने बताया कि क्रिकेटर किरण मोरे की पत्नी रवि मोरे के साथ 'इश्क में अस्सार' के नए एल्बम की तैयारी चल रही है, जो जल्द ही लोगों के सामने होगा। उन्होंने कहा कि वह नियमित रूप से 'खजाना' में भाग लेते हैं, जो मुंबई में नवोदित गजल गायकों को एक मजबूत मंच देने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम है। अनूप जलोटा अपनी आवाज़ से भजन को एक अनोखा रूप देते हैं।

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