इंटरनेट डेस्क। हमारे उतार-चढ़ाव भरे एजुकेशन सिस्टम में चाहे कितनी ही खराब बातें हों लेकिन इसके बावजूद भी कुछ कहानियां या कुछ किस्से ऐसे होते हैं जो हमारे दिल को छू जाती हैं। इस तरह की एक कहानी कुछ दिन पहले बुधवार को तमिलनाडु के वेल्लियागरम के एक सरकारी स्कूल से सामने आई, जहां 28 साल के एक अंग्रेजी टीचर जी. भगवान की ट्रांसफर की खबरों को सुन वहां जो माहौल बना वो हर किसी को रूला गया।

जब भगवान ट्रांसफर के बाद स्कूल से बाहर निकलने लगे तो वहां मौजूद उनके छात्रों ने उन्हें अपनी बाहों में जकड़ लिया तो किसी ने सामने दीवार बनाकर उन्हें रोकने की कोशिश की। हर छात्र की आंखों में आँसू थे वो बेहद प्यार से किसी भी हाल में अपने टीचर को जाने से मना कर रहे थे।

इसके अलावा स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता भी इसी बात को कहते दिखे और शिक्षा विभाग के उनके पसंदीदा टीचर के ट्रांसफर के फैसले से नाराज दिखे।

कोई भी यह नहीं चाहता था कि सर का ट्रांसफर किया जाए क्योंकि वो वहां हर किसी के पसंदीदा थे। स्कूल में बिताए गए चार सालों में भगवान अपने छात्रों के लिए एक दोस्त, गाइड और भाई की भूमिका में रहे।

पढ़ाई के मामल में भी भगवान ने स्कूल के प्रदर्शन को काफी सुधारा जहां बच्चों को अंग्रेजी विषय में काफी तेज किया वहीं परीक्षा में भी उनके काफी अच्छे अंक आए। अब ऐसे टीचर को भला कौन जाने देगा। इसलिए जब भगवान जाने लगे तो वहां मौजूद हर कोई रो रहा था और उन्हें ना जाने के लिए ही कह रहा था।

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