हर साल, जेईई या नीट एनईईटी परीक्षाओं के बाद शीर्ष कुछ ही छात्रों को कॉलेजों में एडमिशन के लिए चुना जाता है। इस साल जेईई मेन देने वाले 11.5 लाख छात्रों में से, केवल 2.2 लाख ही जेईई एडवांस्ड परीक्षा दे पाए। जब नीट परीक्षा का समय आया तो करीब 13 लाख छात्रों ने सरकारी कॉलेजों में लगभग 60,000 सीटों के लिए परीक्षा दी।

जेईई और एनईईटी अब तक साल में एक दिन ही आयोजित किया जाता है। यह छात्रों के लिए एक नुकसान साबित हुआ है। एक छात्र के रूप में, आप या तो बीमार पड़ सकते हैं, व्यक्तिगत मुद्दों का सामना कर सकते हैं, केंद्र में आने में कठिनाई हो सकती है, या वो आपका दिन नहीं हो सकता है। एक दिन में आपकी मानसिकता और प्रदर्शन का आपके भविष्य पर इतना बड़ा प्रभाव नहीं होना चाहिए।

अब चीजों को आसान बनाने के लिए, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने फैसला किया है कि दोनों परीक्षाएं कई दिनों में दो बार आयोजित की जाएंगी। साल 2019 से, जेईई जनवरी और अप्रैल और एनईईटी फरवरी और अप्रैल में आयोजित की जाएगी। इसके साथ ही, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कुछ अन्य परिवर्तनों की घोषणा की है।

य़े हैं:

1. परीक्षा (जनवरी और फरवरी) के पहले सत्र में कंप्यूटर-आधारित टेस्ट में होंगी।

2. इस साल, एक छोटे से प्रतिशत ने कंप्यूटर-आधारित प्रारूप का चयन किया था, जबकि सबसे अधिक पेन और पेपर से पेपर देने वाले थे, ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि हमारे युवाओं के एक बड़े हिस्से में कंप्यूटर तक की पहुंच नहीं है।

3. इससे पहले, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कहा था कि वह ऑनलाइन मोड में परीक्षा आयोजित करेगा। हालांकि, यह बात भी ध्यान में ऱखनी होगी कि ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी के मुद्दे हो सकते हैं और इस प्रकार इसे कंप्यूटर-आधारित मोड में बदल दिया गया है। प्रत्येक पेपर परीक्षा से पहले कंप्यूटर पर डाउनलोड किया जाएगा ताकि यह छात्रों के प्रदर्शन में बाधा ना डालें।

4. हर एक छात्र के लिए एक यूनिक पेपर होने के बारे में अटकलें हुई हैं। कुछ छात्रों का मानना ​​है कि उनके पास समान अवसर नहीं होगा क्योंकि एक पेपर दूसरे की तुलना में आसान हो सकता है। हालांकि, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कहा है कि ये पेपर वैज्ञानिक तरीकों और मनोचिकित्सा परीक्षणों के सिद्धांतों का उपयोग करके बनाए जाएंगे। सभी पेपर में समान स्तर की कठिनाई होगी।

5. सीबीएसई इन परीक्षाओं का संचालन नहीं करेगा। अगले साल से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा ये पेपर आयोजित किए जाएंगे। हालांकि, आईआईटी द्वारा जेईई एडवांस्ड जारी रखा जाएगा।

6. छात्र या तो परीक्षा या यहां तक ​​कि दोनों के लिए उपस्थित हो सकते हैं। यदि आप दोनों परीक्षाओं के लिए उपस्थित हुए हैं, तो आपका सबसे ज्यादा वाला स्कोर ही माना जाएगा।

इसके अलावा मंत्रालय एक मोबाइल ऐप लॉन्च करने की भी योजना बना रहा है ताकि विद्यार्थियों को उनके निकट के केंद्रों के लिए पता लगाने और पंजीकरण करने में मदद मिल सके। यह स्पष्ट है कि यह कदम बदलाव लाएगा कि भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं को कैसे आयोजित करवाया जाता है।

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