यूनिवर्सिटी अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सरकार के भारतीय मानव संसाधन मंत्रालय को दिल्ली के आईआईएमसी संस्थान को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा देने की सिफारिश की है। आईआईएमसी संस्थान, देश में प्रतिष्ठित पत्रकारिता स्कूलों में से एक है जो सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत काम करता है। आईआईएमसी पत्रकारिता, विज्ञापन और जनसंपर्क में डिप्लोमा कोर्स करवाता है।

आपको बता दें कि यूजीसी ने पिछले साल आईआईएमसी द्वारा दिए गए इस प्रस्ताव को ध्यान से देखने और इसका विश्लेषण करने के लिए माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के कुलपति, बीके कुथियाला की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया था।

समिति की सिफारिश और निरीक्षण टीम की प्रतिक्रिया के आधार पर यूजीसी ने अब यह सिफारिश की है कि संस्थान को मंत्रालय की तरफ से 'डी नेवो' श्रेणी के तहत उपाधि दी जाए। यूजीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसके बाद कहा कि इसके बाद संस्थान डिप्लोमा के बजाए डिग्री प्रदान करने में सक्षम हो सकेगा।

आईआईएमसी को डीम्ड यूनिवर्सिटी की उपाधि या स्थिति देने के बारे में यह विचार कोई नया नहीं है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 2016 में ही इस योजना को मंजूरी दे दी थी। आईआईएमसी पिछले पांच सालों में दिल्ली और जहेन, अमरावती, कोट्टायम और ऐजोल जैसी देश भर में छह कैंपस में फैल गई है।

जून में राष्ट्रीय आयोग द्वारा उच्च शिक्षा संस्थानों की समीक्षा के दौरान, यह सिफारिश की गई थी कि आईआईएमसी या तो जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के मीडिया स्टडीज या जामिया मिलिया इस्लामिया के एजेके मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर के साथ एक कर दिए जाएं।

हालांकि, संस्थान के साथ-साथ सूचना और प्रसारण और एचआरडी मंत्रालयों ने भी इस विचार को खारिज कर दिया था। अब देखना यह होगा कि सरकार इस विचार को फिर से स्वीकार करती हैं या एक बार फिर ये फैसला पहले की तरह लटक जाएगा।

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