उत्तर प्रदेश के बरेली से एक बड़ा ही अजीबोगरीब मामला सामने आया जिसको सुनने के बाद हर कोई हैरानी में है। हाल ही में यूपी के शिक्षा विभाग ने अंतर जनपदीय ट्रांसफर की प्रकिया शुरू की थी जिसके बाद 410 महिला टीचरों को अलग-अलग क्षेत्रों में स्कूल आवंटित किए गए थे ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में टीचरों की संख्या बढ़ाई जा सकें लेकिन जिस दिन से इन्हें भर्ती दी गई है उसी दिन से विभाग में किसी ना किसी बहाने के साथ वापस जगह बदलने के लिए टीचरों के आवेदन आने शुरू हो गए।

मामला क्या है?

यूपी के बरेली में पिछले कुछ दिन पहले 410 महिला टीचर और 5 पुरूष टीचरों का ट्रांसफर किया गया था जिसके बाद काउंसलिग प्रक्रिया शुरू की गई जिसके तहत उन्हें स्कूल दिए गए थे लेकिन महिला टीचरों को कोई भी स्कूल पसंद नहीं आया। शिक्षा विभाग में अब तक ट्रांसफर रोकने के लिए 250 से ज्यादा आवेदन आ गए हैं।

82 महिला टीचरों ने कहा कि वह गर्भवती हैं-

जो आवेदन ट्रांसफर के लिए आएं हैं उनमें से 82 से भी अधिक महिला टीचरों के आवेदन में जो बहाना लिखा है वो बड़ा ही मजेदार है। 82 महिला टीचरों ने कहा है कि वो गर्भवती हो गई हैं इसलिए उनका ट्रांसफर रोक दिया जाए जिससे कि वो अपने एरिया में ही ज्वाइन कर सकें। वहीं कुछ टीचरों ने कहा है कि उनको रीढ़ की बीमारी हैं तो किसी का कहना है कि उनके परिवार वाले बीमार हैं।

शिक्षा विभाग का कहना है कि ये बहाने हैं-

विभाग के पास इस तरह के आवेदन आने के बाद अधिकारियों का कहना है कि सारे टीचर बहाने कर रहे हैं और किसी ना किसी कारण से अपना ट्रांसफर रोकना चाह रहे हैं। अब इस मामले में आगे की जांच चल रही है कि कि कौन वाकई में परेशान हैं या नहीं।

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