भारतीय वायु सेना में शामिल होने के लिए हर साल कई युवा प्रयास करते हैं और इस क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं। ये ख्वाब ही जज्बे से भर देने वाला है। फ्लाइंग ऑफिसर की जॉब एक ऐसी जॉब है जिसे हर कोई मुख्य रूप से पाना चाहता है।

इसके अलावा, इसमें सैलरी और अन्य फायदे भी काफी है। लेकिन इस बारे में सभी को पूरी जानकारी नहीं होती है कि इस क्षेत्र में करियर कैसे बनायें। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि एक फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में आईएएफ (भारतीय वायु सेना) में शामिल होने की प्रक्रिया क्या होती है।

कौन होता है फ्लाइंग ऑफिसर ?
एक फ्लाइंग ऑफिसर केवल लड़ाकू विमान ही नहीं उड़ाते हैं बल्कि भारतीय वायु सेना के पास विभिन्न प्रकार के हवाई जहाज हैं। इनको हेलीकॉप्टर परिवहन और भारी जहाजों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर उड़ाने का काम भी दिया जाता है।

शैक्षणिक योग्यता
जो भी कैंडिडेट इस पद पर नौकरी चाहता है उसके पास बारहवीं में साइंस होनी चाहिए। इसके बाद एयरफोर्स में जा सकते हैं। लेकिन कई कैंडिडेट्स ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद भी एयरफोर्स में जाते हैं।

एक फ्लाइंग ऑफिसर बनने की प्रक्रिया-
12वीं के बाद कैंडिडेट्स NDA को चुन सकते हैं और NDA के बाद इसमें करियर बना सकते हैं। जिसके माध्यम से आपको एडमिशन मिलेगा।

एनडीए के लिए आपको कई संस्थान मिलेंगे। जिनमे आप इसकी पढाई और ट्रेनिंग कर सकते हैं। एडमिशन लेने के लिए आपको राष्ट्रीय रक्षा अकादमी प्रवेश परीक्षा के लिए उपस्थित होना होगा और एसएसबी (सेवा चयन बोर्ड) के इंटरव्य़ू को पास करने होगा।

आवेदन करने के लिए कैंडिडेट की उम्र कम से कम 19 है। एनडीए का रिटर्न एग्जाम और इंटरव्यू के बाद ही उम्मीदवारों को एकेडमी के लिए भेजा जाता है।

Related News