सालों से पुलिस स्टेशनों में सबसे अधिक रिकॉर्ड बनाने वाले अंडरवर्ल्ड डॉन अरुण गवली का नाम तो हर किसी ने सुना ही होगा। डॉन अरुण गवली ने अब एक और ऐसा काम किया है जिसको जानकर हर कोई हैरान है। जी हां, अरूण गावली ने जेल में रहते हुए अपनी अकादमिक योग्यता में एक और सफलता जोड़ ली है।

आपको ये जानकर यकीन नहीं होगा कि अरूण ने 92.5% के स्कोर के साथ नागपुर सेंट्रल जेल में आयोजित गांधीवादी विचारों की एक परीक्षा में टॉप किया है। आपको बता दें कि गवली शिवसेना के एक कॉर्पोरेट की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे है।

गवली के अलावा 159 अन्य कैदियों ने भी यह परीक्षा दी लेकिन गवली ने 80 में से 74 अंक बनाकर टॉप किया।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि परीक्षा पुनर्वास कार्यक्रम के हिस्से के रूप में कैदियों के लिए सहयोग ट्रस्ट, सर्वोदय आश्रम (नागपुर) और मुंबई सर्वोदय मंडल द्वारा हर साल आयोजित की जाती है। जिसके लिए कैदियों को एक महीने पहले ही पाठ्यक्रम सामग्री दी जाती है और वे पढ़ने के एक पैटर्न का पालन करते हैं।

यह परीक्षा इसलिए आयोजित की जाती है ताकि कैदी गांधीजी की शिक्षाओं और जीवन के बारे में उनके विचारों को जानें। परीक्षा का समय एक घंटे का होता है। हालांकि गवली के पास खुद की पढऩे की किताबें थी लेकिन उन्हें जेल के अंदर 'शिक्षकों' द्वारा प्रशिक्षित किया गया था। जेल के अंदर इन लोगों को 'गुरुजी' कहा जाता है और वे मूल रूप से शिक्षकों के रूप में काम करते हैं।

हर एक कैदी को परीक्षा के दौरान पुस्तक को खोलने की अनुमति है और उसे उसमें से जवाब मिलाना होगा। यह एक नियमित प्रकार की कोई परीक्षा नहीं है इसका उद्देश्य आध्यात्मिक संवर्द्धन का अधिक है।

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