UGC ने यूनिवर्सिटी में टीचरों की भर्ती पर लगाई रोक, हजारों का भविष्य लटका अधर में
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने गुरुवार को देश की सभी यूनिवर्सिटियों को टीचर भर्ती प्रक्रिया को फिलहाल के लिए रोकने के लिए कहा है। यूजीसी का कहना है कि जब तक कि सुप्रीम कोर्ट से टीचर भर्ती प्रक्रिया मोड के मामले में आगे का आदेश नहीं आता है तब तक किसी भी यूनिवर्सिटी में टीचरों की भर्ती नहीं की जाएगी।
यूजीसी ने अपने आदेश को जारी करके हुए कहा कि इस आदेश के लिए उन्हें एमएचआरडी मिनिस्ट्री से आदेश मिला है जिसके बाद 13 अगस्त तक सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई मामले की सुनवाई का इंतजार किया जाएगा।
आपको बता दें कि देश की सभी यूनिवर्सिटियों में 2006 से रिजर्वेशन की प्रक्रिया का रोस्टर लागू है जिसके तहत यूनिवर्सिटी के कुछ विभागों की दी जाने वाली टीचर की पोस्ट रिजर्व रहती है। इससे पहले पिछले साल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस आदेश को रद्द कर दिया था जिसके बाद टीचर्स ने इसका विरोध किया था।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द करते हुए कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय ने इस साल मार्च में संस्थानों को एक इकाई के रूप में विभाग देने के लिए विचार किया था जबकि फैसले से पहले एक इकाई के रूप में विश्वविद्यालय के बजाय संकाय सदस्यों को भर्ती किया था।
अब मामला कोर्ट में हैं जिसके लिए सुनवाई 13 अगस्त को होनी है जिसके बाद ही ये तय किया जाएगा कि टीचर भर्ती की प्रक्रिया किस तरह से आगे बढ़ती है।
यूजीसी के इस निर्देश के बाद अब यह सवाल उठ रहा है कि आरक्षण के तहत दिए जाने वाली भर्तियों का क्या भविष्य होगा। जो भर्तियां पूरी हो चुकी हैं वो रोक दी गई है।