पिछले कुछ समय से पंजाब की स्कूलों में उनकी खुद की पंजाबी भाषा के बुरे हाल होने की खबरें सामने आई है जिसके बाद पंजाब के शिक्षा विभाग पर काफी सवालिया निशान लगे हैं। पंजाब के स्कूली छात्रों में ये देखा गया है कि वहां की स्कूलों के छात्र पंजाबी भाषा का सही से उच्चारण नहीं कर पाते हैं। अब सरकार ने इस समस्या को दूर करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के साथ मिलकर 'पढ़ो पंजाब, पढ़ाओ पंजाब' के तहत एक विशेष परियोजना शुरू की है।

इस परियोजना के तहत, राज्य के प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को यहां एक विशेष प्रशिक्षण कार्यशाला के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वे छात्रों को स्कूल शिक्षा विभाग के एक आधिकारिक प्रवक्ता मानकीकृत पंजाबी भाषा बोलने और लिखने के लिए सिखाया सकें।

शिक्षा मंत्री ओमप्रकाश सोनी ने कहा कि राज्य में भाषाई विविधता के कारण, छात्रों को मानकीकृत पंजाबी बोलने और लिखने में सटीकता की कमी है। इस परियोजना के आने के बाद छात्रों को पंजाबी भाषा सीखने में मदद मिलेगी।

पंजाबी भाषा सिखाने के लिए जो कार्यशालाएं लगाई जाएगी उनमें शिक्षकों को य़ह बताया जाएगा कि वे छात्रों द्वारा परिशुद्धता पर ध्यान केंद्रित करें ताकि वे भाषा को स्पष्ट तरीके से बोल सकें। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए सभी संसाधित व्यक्तियों को पहले पंजाबी भाषा को जोर से पढ़ना होगा और फिर प्राथमिक तकनीक शिक्षकों के साथ एक ही तकनीक साझा करना होगा।

इस विधि के साथ, एक तरफ, शिक्षक छात्रों को सिखाएंगे कि सही पंजाबी भाषा कैसे बोलें, दूसरी ओर, छात्र की लिखित गलतियों को भी कम किया जाएगा। सरकार की इस योजना के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि छात्र पंजाबी भाषा बोलने में तेज हो सकेंगे।

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