साल 2019 में चैत्र नवरात्रि 6 अप्रैल से शुरू हो रही है, जो 14 अप्रैल तक चलेगी। बता दें कि वर्ष में चार बार नवरात्र पर्व आते हैं। जिसमें से 2 गुप्त नवरात्र होती है। नवरात्र में शारदीय नवरात्रि का अधिक महत्व होता है, जो सितंबर से अक्टूबर के दौरान आते हैं। हिंदू मान्यता के मुताबिक, केवल चैत्र और शारदीय नवरात्र को ही महत्वपूर्ण माना गया है। चैत्र नवरात्र को वासंतिक नवरात्र भी कहा जाता है।
चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा के नौ रूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कुष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। बता दें कि इस वर्ष 14 अप्रैल को राम नवमी मनाई जाएगी। चैत्र नवरात्र साल का पहला नवरात्र होता है। चैत्र नवरात्र के पहले दिन से ही हिंदू नर्व वर्ष का आरंभ माना जाता है।

जानें किस दिन होगी किस देवी की पूजा?

पहला नवरात्र 6 अप्रैल शनिवार: घट स्थापन व मां शैलपुत्री पूजा
दूसरा नवरात्र 7 अप्रैल रविवार: मां ब्रह्मचारिणी पूजा
तीसरा नवरात्र 8 अप्रैल सोमवार: मां चंद्रघंटा पूजा
चौथा नवरात्र 9 अप्रैल मंगलवार: मां कुष्मांडा पूजा

पांचवां नवरात्र 10 अप्रैल बुधवार: मां स्कंदमाता पूजा
छष्ठ नवरात्र 11 अप्रैल गुरुवार: मां कात्यायनी पूजा
सातवां नवरात्र 12 अप्रैल शुक्रवार: मां कालरात्रि पूजा
आठवां नवरात्र, 13 अप्रैल शनिवार: मां महागौरी पूजा, दुर्गा अष्टमी
नवमी तिथि, 14 अप्रैल रविवार, मां सिद्धिदात्री पूजा

कलश स्‍थापना का शुभ मुहूर्त

चैत्र नवरात्र में 5 अप्रैल 2019 को ही दोपहर 1 बजकर 36 मिनट पर कलश की स्‍थापना करनी चाहिए। प्रतिपदा अगले दिन 6 अप्रैल को 2 बजकर 58 मिनट तक ही रहेगी। मगर नवरात्रि 6 अप्रैल को सूर्योदय के बाद से ही शुरू होंगी। ज्‍योतिष की माने तो 6 अप्रैल को जब प्रतिपदा खत्‍म होगी तब से दूसरी तिथि लग जाएगी।

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