एक बार फिर गुजरात का मेडिकल विभाग हिल गाय , क्योंकि गुजरात के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के करीब 1,000 से भी ज्याजा रेजिडेंट डॉक्टरों ने मंगलवार को एक दिन की हड़ताल की, अगर कारण की बात करें तो ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अभी तक NEET PG काउंसलिंग नहीं हुई हैं और देरी होने के कारण सिविल अस्पतालों में जनशक्ति की कमी ने उनके काम का बोझ बढ़ा दिया है।

इससे पहले भी गुजरात में विभिन्न सरकारी अस्पतालों से जुड़े रेजिडेंट डॉक्टरों ने 29 नवंबर को ऐसी ही हड़ताल की थी और उस दिन सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक OPD के काम नहीं करें थे।

सिविल अस्पताल से जुड़े अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ ओमान प्रजापति बातचीत हुई तो उन्होनें कहा 29 नवबंर की हड़ताल से सरकारी के कानों तक हमारी बात नहीं पहुंची हैं, इसलिए एक बार फिर मंगलवार को इसी तरह की हड़ताल करने का फैसला किया था।

आगे बात करते हुए प्रजापति ने कहा, " भले ही हम हड़ताल पर जा गए हैं, लेकिन इसके कारण मरीजों को कोई परेशानी नहीं हुई थी, क्योंकि रेजिडेंट डॉक्टर आपातकालीन ड्यूटी के लिए हड़ताल के दौरान भी उपलब्ध थे। यदि अगर कोई स्थायी समाधान जल्द नहीं आया तो हम खुद को अन्य सेवाओं से हटा सकते हैं।"

प्रजापती ने दावा किया हैं कि जनशक्ति की कमी के कारण एक रेजिडेंट डॉक्टर तीन लोगो का काम कर रहा है। सूरत और वडोदरा जैसे अन्य प्रमुख शहरों के रेजिडेंट डॉक्टर भी हड़ताल में शामिल हुए और अपना विरोध दर्ज कराने के लिए अपने-अपने कॉलेजों के परिसर के बाहर बैठ गए।

आपको बता दें कि केंद्र ने हाल ही में कुछ मुद्दों पर NEET-PG 2021 के लिए काउंसलिंग अगले साल जनवरी के लिए टाल दिया था, जिसके बारें में सुप्रीम कोर्ट को भी जानकारी दी थी। काउंसलिंग प्रवेश प्रक्रिया का हिस्सा है।

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