सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई17 नवंबर को रिटायर हो जाएंगे। आज यानी 15 नवंबर को उनका लास्ट वर्किंग डे है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के बाद उनकी जगह पर 18 नवंबर को जस्टिस शरद अरविंर बोबडे भारत के नए CJI बन जाएंगे। अपने कार्यकाल में उन्होंने कई बड़े फैसले लिए हैं। चीफ जस्टिस के रूप में रंजन गोगोई ने अपने साढ़े 13 महीने में 47 काफी अहम फैसले सुनाये हैं। आज हम आपको उनके द्वारा लिए गए 5 सबसे ऐतिहासिक फैसलों के बारे में बताने जा रहे हैं।

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अयोध्या मामला:- सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली 5 जजों की पीठ ने अयोध्या मामले पर सबसे अहम फैसला सुनाया। सभी पक्षों और बातों को ध्यान में रखकर कोर्ट ने ये फैसला दिया कि विवादित जमीन रामलला को दिया जाए और मुस्लिम पक्षकार को अयोध्या में मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन दी जाए।

सबरीमाला मामला:- सबरीमाला मंदिरमें महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका पर गौर करते हुए उन्होंने ये फैसला सुनाया था कि महिलाओं के इस मंदिर में प्रवेश को जारी ही रखा जाए। इस फैसले के बाद 10 से 50 साल की महिलाओं में मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध को हटा दिया गया था।

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चीफ जस्टिस का ऑफिस आरटीआई के दायरे में:- चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की नेतृत्व वाली पीठ ने ये भी फैसला लिया था कि भारत के CJI का कार्यालय सूचना (RTI) अधिकार कानून के तहत सार्वजनिक प्राधिकार है। उनकी पीठ ने दिल्ली हाई कोर्ट के 2010 के फैसले को सही बताते हुए सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल और शीर्ष अदालत के केन्द्रीय लोक सूचना ऑफिसर की 3 अपीलों को खारिज कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला 6 भाषाओं में:- पहले SC के फैसले केवल अंग्रेजी भाषा में ही जारी किए जाते थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की पीठ ने हिंदी समेत 7 भाषाओं में कॉपी उपलब्ध करवाई जिस से उन लोगों को मदद मिलेगी जो अंग्रेजी समझ नहीं पाते हैं। अब अंग्रेजी के अलावा हिंदी, कन्नड़, तेलगू, असमी, मराठी और उड़िया भाषाओं में भी ये उपलब्ध होते हैं।

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सरकारी विज्ञापन ने नेताओं के तस्वीर पर बैन:- सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले के अंतर्गत सरकारी विज्ञापनों पर नेताओं की फोटोज लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद अब केवल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की फोटो ही लगाई जाती है।

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