आपने बहादुर शाह जफ़र के बारे में आपने सुना होगा लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसा बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आपको जानकारी नहीं होगी। यह सम्राट को अपनी मौत से इतना डर गया था कि वह अंग्रेजों से जान की भीख मांग रहा था।

करता था शराब का सेवन

इस्लाम धर्म कहता है कि शराब पीना गलत है और इसे शैतान का पानी कहा जाता है। लेकिन बहादुर शाह जफ़र एक ऐसा सम्राट था जो दिन रात शराब के नशे में चूर रहता था। ऐसे में कुछ लोगों ने कहा है कि उसे एक सच्चा मुसलमान नहीं कहा जाएगा।

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'अंग्रेजों ने रखा बहादुर शाह को जेल में

पुस्तक मुस्लिम शासक और भारतीय जन समाज को पढ़ेंगे तो आपको पता चलेगा कि वो बहुत कायर था और अंगेजों से लड़ने के बजाय वो उनसे अपनी जिंदगी की भीख मांगता था। बहादुर शाह जफ़र 62 की उम्र में तो राजा बना था और यह अंग्रेजों से 12 लाख रुपया वार्षिक पेंशन लेता था। अंग्रेज उसे पैसा देते थे ताकि वो शांत रहें और अंग्रेज उसके राज्य को लूटने में सफल रहें। लेकिन वो अगर अपने राज्य के प्रति वफादार रहता तो राज्य का शायद ये हाल नहीं होता।

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1857 की क्रान्ति के समय उसने फिर से सत्ता पाने की कोशिश की। 57 की क्रान्ति रुकी तो अंग्रेज वापस दिल्ली आये और तब बहादुर शाह जफ़र ने लालकिले के रस्ते से भागने की नाकाम कोशिश की।

शराब की मांगता था भीख

बहादुर शाह जफर के केवल नाम में बहादुर है लेकिन वो एकदम कायर इंसान था और उसने एक बार भी अंग्रेजों का विरोध नहीं किया और पहले ही हार मान ली। उसके पिता अकबर शाह भी जानते थे कि यह एक कायर इंसान है। उसको अंग्रेजो ने जेल में रखा और मुकदमा चलाया था और वो अंग्रेजो से शराब के लिए भीख मांगता था। इसके बाद उसे रंगून जेल में भेज दिया गया जहाँ 1862 में इसकी मृत्यु हो गई।

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