कई बार ध्यान से फोन का यूज ना करने से या फोन के हाथ से छूट कर गिर जाने से फोन की स्क्रीन टूट जाती है। ऐसे में हम स्क्रीन को ठीक करवाने के लिए मोबाइल फोन ठीक करने वाली शॉप पर जाते हैं। लेकिन फोन की टूटी स्क्रीन को सही करवाना काफी महंगा पड़ता है। तो क्या आपने कभी सोचा कि आखिर टूटी स्क्रीन को सही करने में इतना अधिक खर्चा क्यों आता है।

पहले के कीपैड स्मार्टफोन्स की स्क्रीन काफी टफ होती थी और एक बार गिरने पर टूटती नहीं थी। ये स्क्रीन टच स्क्रीन नहीं होती थी इसलिए सस्ती क्वालिटी की होती थी। लेकिन टच स्क्रीन काफी सेंसिटिव होती है और टच को काम करने के के लिए इनका सेंसिटिव होना भी जरूरी है। अगर ये सेंसिटिव नहीं होगी तो हमारे द्वारा इस्तेमाल करने पर ये कमांड फॉलो नहीं करेगी। हमारे द्वारा यूज करने पर इसलिए एक बार गिरने पर ये टूट जाती है और इन्हे चेंज करवाने के लिए काफी अधिक पैसा खर्च करना जरूरी होता है।

इस समस्या से निपटने के लिए मोबाइल फोन लेते हुए ही स्क्रीन पर इंश्योरेंस करा लेना चाहिए जिस से यदि स्क्रीन टूट भी जाए तो इसका खर्चा कंपनी खुद उठाएगी।

स्क्रीन को इतना ज्यादा महंगा होने का कारण ये भी है कि इन स्क्रीन का सीमित उत्पादन किया जाता है और आज का स्मार्टफोन बाजार ऐसा हो गया है कि यदि आपको आज फोन खरीदा है तो वह एक 2 साल के अंदर आपका फोन पुराना हो जाएगा तो उसके पार्ट्स आपको आसानी से नहीं मिलेंगे और जो चीज सीमित होती है उसकी कीमत भी अधिक होती है।

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