5G की स्पीड से बढ़ेंगे खतरे! हाई स्पीड इंटरनेट यूजर्स इससे रहें सावधान
भारत में आज से 5जी का दौर शुरू हो गया है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार, 1 अक्टूबर को दिल्ली के प्रगति मैदान में भारतीय मोबाइल कांग्रेस में 5G सेवा की शुरुआत की। पहले चरण में 5जी कनेक्टिविटी 13 शहरों अहमदाबाद, बेंगलुरु, चंडीगढ़, चेन्नई, दिल्ली, गांधीनगर, गुरुग्राम, हैदराबाद, जामनगर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई और पुणे में शुरू की जाएगी। Reliance Jio ने इस साल दिवाली तक देश के सभी मेट्रो शहरों में 5G लॉन्च करने का ऐलान किया है। 5जी सर्विस से इंटरनेट की स्पीड जबरदस्त रफ्तार से बढ़ने वाली है। हालांकि इस स्पीड के साथ यूजर्स के लिए रिस्क भी बढ़ जाएगा।
5G तकनीक स्वास्थ्य, शिक्षा, बैंकिंग क्षेत्र, परिवहन, बिजली, अंतरिक्ष जैसे सभी क्षेत्रों में बड़ा बदलाव लाएगी। इससे जीवन बहुत आसान हो जाएगा। एक तरफ इसके सकारात्मक पहलू असीमित हैं, दूसरी तरफ हैकिंग या डेटा चोरी जैसे नकारात्मक पहलू भी होंगे। 5G वायरलेस संचार की गति और प्रतिक्रिया को बढ़ाएगा। इसके कई फायदे होंगे। हालांकि, नई चीजें नए जोखिम भी लाती हैं। यह 5G तकनीक पर भी लागू होता है।
यह है खतरा
आज के समय में हर डिवाइस ने एक छोटे कंप्यूटर का रूप ले लिया है। भारत के मौजूदा इंटरनेट बुनियादी ढांचे में कई खामियां हैं जो डेटा सुरक्षा उपायों को कमजोर करते हैं। 5G के साथ परिष्कृत बॉटनेट, गोपनीयता भंग और तेजी से डेटा विश्लेषण का जोखिम आता है। 5जी के आने से स्मार्ट होम डिवाइस, कार इंफोटेनमेंट सिस्टम, स्मार्ट टीवी समेत कई डिवाइस इंटरनेट से जुड़ जाएंगे। ये डेटा सुरक्षा के लिए कमजोर कड़ी साबित हो सकते हैं।
5G की बड़ी बैंडविड्थ अपराधियों को आसानी से डेटाबेस चोरी करने में मदद करेगी। समय के साथ, और अधिक उपकरण जोड़े जाएंगे और इस प्रकार साइबर हमलों की मात्रा में वृद्धि होगी। इतना ही नहीं, 5G के बाद के साइबर हमले और भी सटीक हो सकते हैं।
सरकार की तैयारी
विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को डेटा सुरक्षा और साइबर हमलों की रोकथाम के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाना होगा। हालांकि, 5जी सेवाओं का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स को भी ज्यादा सतर्क रहना होगा। डेटा सुरक्षा को लेकर सरकार गंभीर है। सरकार जल्द ही डेटा सुरक्षा पेश कर सकती है। मोबाइल सिम के दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकार ने सिम का IMEI नंबर रजिस्टर करना अनिवार्य कर दिया है। जानकारों का कहना है कि सरकार का इरादा अगले डेढ़ साल में डिजिटल इंडिया सिस्टम बनाने का है.
ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि 5जी के बाद यूजर्स को अपने डेटा को सुरक्षित रखने के लिए भी अधिक सावधानी बरतनी होगी। तेज इंटरनेट स्पीड से साइबर अपराधियों को तेजी से साइबर हमले करने में मदद मिलेगी। ऐसे में इंटरनेट का इस्तेमाल करते समय जरा सी लापरवाही भी यूजर्स को महंगी पड़ सकती है। यूजर्स को साइबर सुरक्षा को अपनी प्राथमिकता सूची में रखना होगा। पासवर्ड, ओटीपी, व्यक्तिगत, वित्तीय और बैंकिंग डेटा साझा न करने और सत्यापन के बिना कहीं से भी कुछ भी डाउनलोड न करने की आदत डालनी होगी।