आज के डिजिटल वर्ल्ड में स्मार्टफोन हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन गए हैं, जो हमें विभिन्न सुविधाएं प्रदान करते हैं, साथ ही हमारें मनोरंजन का भी साधन हैं, आज आप OTT प्लेटफॉर्म के जरिए कोई भी फिल्म देख सकते हैं, ऐसे में अगर हम बात करें अमेरिकी स्ट्रीमिंग दिग्गज नेटफ्लिक्स की तो इसकी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं, क्योंकि भारत में इसके संचालन को लेकर नए आरोप सामने आ रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार भारत सरकार नेटफ्लिक्स इंडिया से जुड़े वीजा, करों और नस्लीय भेदभाव से संबंधित संभावित उल्लंघनों की जांच कर रही है। आपको बता दें कि यह जांच गृह मंत्रालय के विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) के एक अधिकारी दीपक यादव द्वारा पूर्व नेटफ्लिक्स कर्मचारी नंदिनी मेहता को 20 जुलाई को भेजे गए ईमेल से हुई है, आइए जानते हैं पूरा मामला

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ईमेल में भारत में नेटफ्लिक्स की व्यावसायिक प्रथाओं के बारे में चिंताओं को रेखांकित किया गया है, जिसमें निम्नलिखित बातें हैं:

वीजा उल्लंघन: विदेशी श्रमिकों के रोजगार और वीजा स्थिति में संभावित विसंगतियां।

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कर चोरी: कंपनी के कर अनुपालन के बारे में आरोप।

नस्लीय भेदभाव: मेहता सहित पूर्व कर्मचारियों द्वारा रिपोर्ट की गई घटनाएं।

आधिकारिक प्रतिक्रिया: नेटफ्लिक्स ने कहा है कि उसे भारत सरकार द्वारा चल रही किसी भी जांच की जानकारी नहीं है।

नंदिनी मेहता की पृष्ठभूमि: 2020 में नेटफ्लिक्स छोड़ने वाली मेहता ने 2021 में लॉस एंजिल्स काउंटी सुपीरियर कोर्ट में कंपनी के खिलाफ नस्लीय और लैंगिक भेदभाव का आरोप लगाते हुए गलत तरीके से बर्खास्तगी का मुकदमा दायर किया।

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उपयोगकर्ता आधार: इन मुद्दों के बावजूद, नेटफ्लिक्स भारत में लगभग 10 मिलियन ग्राहकों के साथ एक महत्वपूर्ण उपस्थिति का दावा करता है।

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