माइक्रोसॉफ्ट द्वारा किए गए एक सर्वे में भारतीयों के बारे में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। भारत ने पिछले 12 महीनों में 7% तकनीकी सहायता घोटालों का उच्च प्रतिशत देखा है, जो दुनिया में सबसे अधिक है। Microsoft की 2021 ग्लोबल टेक सपोर्ट स्कैम रिसर्च रिपोर्ट में पाया गया कि भारत में 8% उपयोगकर्ता पिछले 12 महीनों में इस तरह के घोटालों का शिकार हुए, 2016 में 20% से अधिक। भारत में, सर्वेक्षण में शामिल 8% उपयोगकर्ताओं को धोखा दिया गया, जो 2013 के आंकड़े से आठ अंक और वैश्विक औसत से तीन गुना से अधिक है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2021 में 31 फीसदी भारतीयों ने पैसा गंवाया, जबकि 2012 में यह 18 फीसदी था। भारत में, 2012 में, इस तरह की धोखाधड़ी के कारण पैसे गंवाने वालों को औसतन 12.5 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। Microsoft द्वारा भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और सिंगापुर सहित 12 देशों में किए गए वैश्विक सर्वेक्षण में 12.5 वयस्क इंटरनेट उपयोगकर्ता शामिल थे। ऐसा ही एक सर्वे माइक्रोसॉफ्ट ने 2015 और 2016 में किया था।

पिछले 12 महीनों में, भारत में 4% उपयोगकर्ता तकनीकी सहायता घोटालों का शिकार हुए हैं

भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान समेत 12 देशों में माइक्रोसॉफ्ट का ग्लोबल सर्वे

दुनिया भर में प्रति माह 200 शिकायतें

Microsoft का कहना है कि उसे दुनिया भर के ऐसे लोगों से हर महीने 200 शिकायतें मिलती हैं जो तकनीकी घोटालों के शिकार हैं। यह संख्या साल में एक महीने में औसतन 15,000 शिकायतों से कम है।

भारतीय सबसे आसान शिकार हैं। माइक्रोसॉफ्ट डिजिटल क्राइम एशिया यूनिट की सहायक जनरल काउंसल मैरी जो श्रेड ने कहा कि वैश्विक धोखाधड़ी सभी उम्र के लोगों को लक्षित करती है। दुनिया के किसी भी देश की तुलना में यूजर्स के भारत के शिकार होने की संभावना ज्यादा है। ये लोग कपटपूर्ण बातचीत को नज़रअंदाज कर देते हैं जिससे उन्हें पैसे का नुकसान होता है।

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