इसी साल जून महीने में डब्लूएचओ की एक रिपोर्ट सामने आई थी। डब्लूएचओ की इस रिपोर्ट में कहा गया हैं कि वीडियो गेम्स खेलने की आदत ने लोगों को मानसिक विकार से ग्रस्त बना दिया हैं। रिपोर्ट में बताया गया हैं कि, वीडियो गेम्स की लत से होने वाली ये बीमारी जानलेवा हैं। डब्लूएचओ ने गेमिंग डिसऑर्डर को मानसिक स्वास्थ्य विकार के रूप में घोषित कर दिया है। डब्ल्यूएचओ इस बीमारी से लोगों को निजात दिलाने पर काम कर रहा हैं।

आईसीडी नियमावली के नए संस्करण आइसीडी-11 को पूर्ण रूप से इलेक्ट्रॉनिक बनाया गया है ताकि दुनिया भर के डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों तक इसकी पहुँच को आसान बनाया जा सके। बता दे 2019 के मई में आयोजित होने वाले विश्व स्वास्थ्य सम्मेलन में आईसीडी-11 को पेश किया जायेगा। इसके बाद सदस्य देशों के द्वारा इसे अपना लेने के बाद इसे जनवरी 2022 से लागू कर दिया जाएगा।

डब्लूएचओ और अन्य विशेषज्ञों के मुताबिक़ दुनिया में केवल 3 फीसदी गेमर्स ही ऐसे हैं जो गेमिंग डिसऑर्डर बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं। आईसीडी-11 से डब्लूएचओ ना केवल डॉक्टरों बल्कि सरकारों और परिवारों को भी अधिक सतर्क करेगा और उन्हें आने वाले खतरे के प्रति सावधान करेगा।

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