इंटरनेट डेस्क। ऑनलाइन हैकर और घोटालों की बढ़ती संख्या के साथ, हमारे बैंक खातों, हमारे ईमेल, हमारे सोशल मीडिया प्रोफाइल और ऑनलाइन सेवाओं आदि को सिक्योर रखने के लिए अपने पासवर्ड को और भी काम्प्लेक्स या पेचीदा रखना हमारी पहली जिम्मेदारी बन गया है।

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पासवर्ड प्रकारों के बीच इतनी असमानता क्यों है? सालों से हमने इस बारे में जोर दिया है कि पासवर्ड कम से कम 8 अक्षर लंबे कैसे हो सकते हैं, और उनमे हमें नंबर्स, कैरेक्टर्स आदि को भी शामिल करना चाहिए। लेकिन कोई भी सवाल नहीं करता कि आपके एटीएम कार्ड या ओटीपी के लिए 4-अंकों का पिन ही क्यों पर्याप्त है? तो आइये जानते हैं इसके पीछे के कारण को।

जहां तक आइडेंटिफिकेशन वेरिफिकेशन की बात आती है, कई सर्विसेज रिडंडेंसी के कई लेवल रखना पसंद करती हैं, जो कि बहुत अच्छी है। ऑनलाइन कुछ खरीदने के लिए सिक्योरिटी के दो लेवल से गुजरना होता है जिसमे थोड़ा समय लगता है लेकिन यह कहीं अधिक सिक्योर भी है। इसलिए सुरक्षा रखने के लिए 3 में से 2 लेवल से गुजरना पर्याप्त होता है। इसे 2 स्टेप वेरिफिकेशन कहते हैं।

ऑनलाइन बैंकिंग सिस्टम की बात करें तो लॉगिन और पासवर्ड के अलावा एक ओटीपी भी फोन नंबर पर सेंड किया जाता है जिस से आपका ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और अधिक सिक्योर हो जाता है। लेकिन एटीएम के लिए केवल 4 डिजिट का पिन होता है। यहाँ आपके पास अपना कार्ड है और अपना पिन है। इसलिए यहाँ भी 3 में से 2 सुरक्षा लेवल से गुजरना पर्याप्त है। यही कारण है कि 4 नंबर का डिजिट एटीएम पिन के लिए पर्याप्त रहता है।

अब बात करते हैं सोशल मीडिया अकॉउंट और ईमेल की तो आपको अपना आईडी और पासवर्ड डालने की जरूरत होती है। इस टू-स्टेप वेरिफिकेशन को और सिक्योर बनाने के लिए पासवर्ड को थोड़ा काम्प्लेक्स रखना चाहिए। क्योकिं यदि पासवर्ड सरल रहेगा तो कोई भी आपके पासवर्ड को एक्सेस कर सकता है।

तो अब आप समझ चुके होंगे कि एटीएम कार्ड पिन चार डिजिट का और जीमेल पासवर्ड इतना पेचीदा क्यों होता है।

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