टेक्नोलॉजी डेस्क। दोस्तों आज जैसे-जैसे जमाना डिजिटल होता जा रहा है, लगभग सभी लोगों के हाथ में आपको स्मार्टफोन दिखाई दे जाएंगे। दोस्तों हम आपको बता दें कि आज सभी लोग एक मोबाइल से दूसरे मोबाइल कोई भी डाटा या फिर फाइल लेने के लिए अलग-अलग सॉफ्टवेयर का उपयोग करने लगे हैं। लेकिन दोस्तों पहले एक मोबाइल से दूसरे मोबाइल तक कोई फाइल लेने के लिए लगभग सभी लोग ब्लूटूथ नामक फंक्शन का ही उपयोग करते थे, जो सभी मोबाइलों में दिया जाता है। दोस्तों आज हम आपको बताने जा रहे कि आखिर ब्लूटूथ का नाम कैसे पड़ा। दोस्तों जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि ब्लूटूथ का नाम असल में एक राजा के नाम पर रखा गया है। जी हां दोस्तों यह बात सुनकर आपको थोड़ा आश्चर्य जरूर होगा, लेकिन अब बिल्कुल सच है। दोस्तों जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि Bluetooth नाम दरअसल नार्वे और डेनमार्क के एक राजा हेरोल्ड ब्लूटूथ (Herold Bluetooth) के नाम पर पड़ा है, जो साल 957 से 986 तक नार्वे और डेनमार्क के राजा थे। दरअसल दोस्तों Jim Cardach नामक वैज्ञानिक ब्लूटूथ पर काम कर रहे थे, तो उस दौरान वो हेराल्ड ब्लूटूथ (Herold Bluetooth) पर आधारित एक किताब पढ़ रहे थे। इस कारण दोस्तों उन्होंने इस राजा से प्रभावित होकर ही अपने डाटा ट्रांसफर सॉफ्टवेयर का नाम ब्लूटूथ रखा।

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