यूरोपीय संघ (ईयू) ने एक सार्वभौमिक चार्जर के लिए एक नियम बनाया है, यह कहते हुए कि वह जल्द ही सभी प्रकार के स्मार्टफोन के लिए एक सार्वभौमिक चार्जर नियम लागू करेगा, जिसके बाद सभी कंपनियों को एक अलग चार्जर प्रदान करना होगा और सभी उपयोगकर्ताओं के पास नहीं होगा अलग चार्जर...

यूनिवर्सल चार्जर आएगा

सभी कंपनियों के अपने फोन के लिए अलग-अलग चार्जर होते हैं, अब बाजार में अलग-अलग चार्जर उपलब्ध हैं जैसे माइक्रो यूएसबी, टाइप-सी, टाइप-बी, टाइप-ए। वर्तमान में टाइप-सी चार्जर सबसे अधिक उपयोग किया जाता है और कई लैपटॉप भी टाइप-सी पोर्ट के साथ आ रहे हैं। अब यूरोपियन यूनियन ने यूनिवर्सल चार्जर के लिए एक नियम बना दिया है, जिसके मुताबिक कंपनियों को अलग-अलग चार्जर नहीं देने होते और यूजर्स के पास अलग-अलग चार्जर नहीं होते।

सिंगल चार्जर होने का बड़ा फायदा यह भी होगा कि इलेक्ट्रॉनिक कचरा कम होगा, लेकिन यूरोपीय संघ के इस फैसले पर एप्पल की अलग राय है। Apple का कहना है कि यूनिवर्सल चार्जर आने के बाद इनोवेशन खत्म हो जाएगा और प्रदूषण भी बढ़ेगा, हालांकि Apple ने इसके पीछे कोई कारण नहीं बताया है। बता दें कि यूरोपियन यूनियन में करीब 45 करोड़ स्मार्टफोन का इस्तेमाल होता है।

ऐप्पल लंबे समय से अपने आईपैड और आईफोन में लाइटनिंग टाइप चार्जर का इस्तेमाल कर रहा है और ईयू टाइप-सी चार्जर को यूनिवर्सल चार्जर बनाने पर विचार कर रहा है। यह Apple के लिए एक बड़ी समस्या होगी। Apple का कहना है कि यूनियन के फैसले से दुनिया भर के उपभोक्ताओं को नुकसान होगा। उल्लेखनीय है कि पिछले साल जनवरी में यूरोपीय संघ में भी ऐसी मांग उठाई गई थी।

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