सेकेंड से भी कम समय में गूगल कैसे जान लेता है कि हम क्या सर्च करना चाहते हैं, जानिए
क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप गूगल सर्च इंजन पर कुछ टाइप करते हैं, और गूगल उस से पहले ही आपको सजेशन देने लगता है और जो आप लिखना चाहते हैं वो पहले ही कैसे लिखा आ जाता है? ये सारा काम गूगल सर्च इंजन का होता है। आज हम आपको समझाने जा रहे हैं कि गूगल ऐसा कैसे करता है और इसमें गूगल को इतना कम समय कैसे लगता है?
कैसे हमारे मन की बात को समझ लेता है गूगल?
जब भी हम गूगल पर कुछ सर्च करते हैं तो गूगल हमें सजेशन देने लगता है। इस से समय की बचत होती है और हमें पूरा टाइप करने की जरूरत भी नहीं होती है। बता दें कि गूगल किसी भी सर्च रिजल्ट को महज 0.03 सेकेंड्स में पूरा करता है।
जो शब्द काम के नहीं होते हैं उन्हें गूगल हटा देता है और जो आपने टाइप किया है उसके आधार पर गूगल आगे सर्च कर के आपको रिज्लट पेश करता है। गूगल ने भी इस बात को समझाया है कि ‘ऑटो कम्प्लिीट प्रिडिक्शन’ कैसे काम करता है।
लेकिन गूगल कैसे जान लेता है कि आप क्या सर्च करना चाहते हैं? दरअसल गूगल आपको सुझाव नहीं देता है बल्कि वह अनुमान लगाता है और गूगल का अनुमान इस बात पर निर्भर करता है कि कौनसे शब्द सबसे ज्यादा ट्रेंड में हैं और इसके बाद वो ज्यादा और ट्रेंड किए हुए शब्दों को सुझाव के तौर पर दिखाता है।
उदाहरण के लिए अगर आप ‘San F’ टाइप करते हैं, तो गूगल का एल्गोरिथम आपको संबंधित सर्च में ‘San Francisco’ दिखाएगा। लेकिन जैसे ही आप ‘San Fe’ टाइप करते हैं, गूगल का एल्गोरिथम आपको दूसरे शब्द दिखाने लगेगा।
इस तरह काम करता है गूगल का सर्च इंजन
Keywords(की-वर्ड्स)
गूगल का अल्गोरिथम इस बात को देखता है कि आपने कौनसा वर्ड टाइप किया है और इसके बाद जिन वर्ड्स या सर्च की प्रायोरिटी हाई होती है उन्हें गूगल आपके सामने पेश कर देता है। उदाहरण के लिए यदि आप Mineral लिखते हैं तो गूगल आपको Mineral water या Mineral रॉक जैसे सजेशन देगा।
जानकारी
गूगल का अल्गोरिथम इस बात को तय करता है कि आपके Keywords से जुड़ी सही और पूरा जानकारी कहां मिलेगी। जिस साइट की डेंसिटी ज्यादा होती है वही साइट्स आपको रिजल्ट्स में शो होगी।
रिस्पॉन्स
जब भी आप गूगल पर किसी भी कटेंट को सर्च करते हैं, तो कुछ साइट्स आपको ऊपर ही ऊपर शो होती है। दरअसल गूगल उन्हें अपने अनुसार रैंकिंग देता है। ये रैंकिंग उन साइट्स द्वारा दी गई जानकारी, यूजर्स के लाइक और अन्य बातों पर निर्भर करती है। यानि गूगल सबसे पहले सबसे विश्वसनीय साइट्स को आपको दिखाता है।
रिजल्ट
यूजर को उसके द्वारा टाइप किए गए कीवर्ड के आधार पर सटीक जानकारी मिले इसके लिए गूगल के अपने अल्गोरिथम सेट हैं। उदहारण के लिए यदि आप Dell लिखते हैं तो गूगल आपको डैल के लैपटॉप के बारे में बताएगा ना कि उसके को फाउंडर के बारे में।