भारत में 5 जी तकनीक लॉन्च करने के लिए सरकार को खर्च करने होंगे 2.3 लाख करोड़ रूपये
पिछले कुछ सालों के दरम्यान देश में लोग खुद को 4जी से 5जी इंटरनेट स्पीड में कंभर्ट करने को तैयार होते दिखे है। वहीं समय समय पर देश में सबसे ज्यादा 4जी नेटवर्क देने वाली कंपनी रिलायंस जीयो भी 5जी तकनीक को लेकर अपने ग्राहकों को जानकारी देती रहती है। मगर क्या यह इतना आसान है जीतना लगता है तो जवाब है नही। क्योंकि, भारत में 5 जी तकनीक लॉन्च करने के लिए भारी निवेश की आवश्यकता होगी।
अनुमान है कि भारत को 5 जी तकनीक को लॉन्च करने के लिए 1.3 से 2.3 लाख करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। यह दावा हाल ही में सामने आए एक रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई में 100 मेगाहर्ट्ज मिड-बैंड स्पेक्ट्रम हासिल करने के लिए 84 अरब रुपये के पूंजीगत व्यय की आवश्यकता होगी, हालांकि बोली आधार मूल्य से अधिक हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, 20 लाख रुपये प्रति साइट की लागत के साथ कवरेज के लिए 9000 साइटों की आवश्यकता होगी। इसके आधार पर, साइटों के लिए आवश्यक कुल पूंजीगत व्यय 18 अरब रुपये होगा, जो कुल पूंजीगत व्यय को 100 अरब रुपये तक ले जा सकता है।
इस प्रकार, दिल्ली में 5 जी तकनीक लॉन्च करने के लिए पूंजी की आवश्यकता 87 अरब रुपये होगी। इसकी गणना बेस प्राइस (100 बिलियन रु।) पर 100 मेगाहर्ट्ज मिड बैंड स्पेक्ट्रम के रूप में की जाती है। भारत का दूरसंचार उद्योग पूंजीगत व्यय में वृद्धि और मुफ्त नकदी प्रवाह में वृद्धि देख रहा है। 5 जी प्रौद्योगिकी उन्नयन और आगामी स्पेक्ट्रम उन्नयन की ओर बढ़ते पूंजीगत व्यय के कारण निश्चित रूप से जोखिम बढ़ रहा है।