मोबाइल नम्बर पोर्टेबिलिटी (एम॰एन॰पी) या मोबाइल अंक सुवाह्यता वह सेवा है जिसके द्वारा उपभोक्ताओं को अपना मोबाइल नम्बर बदले बिना सेवा प्रदाता कम्पनी बदलने की सुविधा मिलती है। भारत में यह सेवा 20 जनवरी, 2011 को लागू की गई थी। इससे पूर्व छोटे स्तर पर भारत में यह सेवा सबसे पहले हरियाणा राज्य से आरम्भ हुई।

यह जानना कि आपका मोबाइल नंबर किन-किन के मोबाइल में सेव है पूरी तरह तो संभव नहीं है, किंतु आंशिक रूप से यह आप पता कर सकते हैं। इसके लिए आपके मोबाइल की फोन बुक में जो नंबर आपने सेव किए हुए हैं उन नंबरों की व्हाट्सएप में जाकर एक ब्रॉडकास्ट लिस्ट बनाएं।

उस ब्रॉडकास्ट लिस्ट में कोई संदेश भेजें और उसको भेजने के कुछ देर बाद चेक करें कि वह संदेश किस किसको डिलीवर हुआ है। इस ब्रॉडकास्ट लिस्ट की यह विशेषता है कि आपका संदेश केवल उन्हीं नंबरों को डिलीवर होगा जिनके पास आपका फोन नंबर सेव है।

जिनके फोन में आपका नंबर सेव नहीं है उन्हें वह संदेश प्राप्त नहीं होगा इससे आपको पता चल जाएगा कि किन किन के मोबाइल में आपका नंबर सेव है और किनके में नहीं।

इस प्रयोग की सीमा यही है कि यह केवल व्हाट्सएप नंबर वाले फोन पर ही किया जा सकता है। दूसरे फोन नंबर जिन पर व्हाट्सएप नहीं है उनको इससे चैक नहीं किया जा सकता।

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