टेक्नोलॉजी से जुड़े ऐसे फैक्ट्स, जिन्हें जानकार चकरा जाएगा आपका सर
टेक्नोलॉजी की मदद से आज हम कई ऐसे काम कर पाने में सक्षम है जिनके बारे में कल तक हम सोच भी नहीं सकते थे। टेक्नोलॉजी ने हमारे कई कामों को आसान बना दिया है। लेकिन आज हम आपको टेक्नोलॉजी से जुड़े कुछ ऐसे फैक्ट्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हे कम ही लोग जानते हैं। आइए जानते हैं इन फैक्ट्स के बारे में।
फोंट चेंज करने से प्रिंटर की इंक की बचत होती है
ये बात सही है फोंट्स को इक्वल लेंथ में नहीं बनाया जाता है। इसलिए आप फोंट चेंज कर के प्रिंटर की इंक की बचत कर सकते हैं। अगर फोंट लाइट होंगे तो कम इंक का इस्तेमाल होगा। यदि आप अभी भी पुराने इंकजेट प्रिंटर्स का इस्तेमाल करते हैं तो इस से आप 10 प्रतिशत इंक की बचत कर सकते हैं।
QWERTY कीपैड को टाइपिंग स्पीड को कम करने के लिए डिजाइन किया गया था
पहले जब कीपैड वाले फोन्स का इस्तेमाल किया जाता था तो कई बार टाइपर इतना फास्ट स्पीड से टाइप करते थे कि वर्ड्स टाइप नहीं होते थे और कई बार इतना फास्ट स्पीड से टाइप करने से कीज भी जाम हो जाया करते थे। इस समस्या के समाधान के लिए QWERTY कीपैड को डिजाइन किया गया और अल्फाबेट को अलग अलग जगह रखा गया जिस से कि टाइपिंग स्पीड कम हो। लेकिन कम स्पीड के बजाय अब इस से सभी की टाइपिंग स्पीड और भी ज्यादा बढ़ गई है।
दुनिया का पहला वीसीआर आकार में एक पियानो के बराबर था
दुनिया का पहला वीसीआर प्लेयर 1956 में बनाया गया था और इसका आकार एक पियानो के बराबर था। जी हाँ आपने सही सुना। इस बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अब आने वाले वीसीआर ने कितना लंबा सफर तय किया है।
दुनिया का पहला कैमरा फोटो क्लिक करने में 8 घंटे का समय लेता था
आज के समय में हम जहाँ भी जाते हैं हम तुरंत फोटो क्लिक कर के मिनट्स के अंदर ही उन्हें अपलोड कर देते हैं। फोटो को क्लिक करने में सेकंड का ही समय लगता है। लेकिन यदि आप दुनिया के पहले कैमरा से फोटो क्लिक करवाने की सोचते तो आपको 8 घंटे बिना हिले बैठना पड़ता। तब जाकर आपकी फोटो क्लिक होती।
पहली अलार्म क्लॉक केवल 4 बजे ही अलार्म बजाती थी
आज हम अपनी इच्छा के समय अलार्म लगा कर सो सकते हैं और अलार्म क्लॉक अगले दिन हमें उस समय पर जगा देगी लेकिन दुनिया की पहली अलार्म क्लॉक में केवल सुबह 4 बजे 1 बार ही अलार्म बजता था।