क्या किसी मोबाइल ऐप से असली-नकली नोट की पहचान की जा सकती है? RBI ने दी जानकारी
ये बात हम सभी जानते हैं कि किसी भी देश में नकली नोट सबसे बड़े नोटों के ही बनाए जाते हैं। नेशनल क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल जितने भी नकली नोट पकड़े गए, उनमें सबसे ज्यादा 2,000 रुपये के ही थे, कई बार एटीएम से भी नकली नोट निकल जाते हैं, इसीलिए, बैंकों में जाकर ग्राहक हमेशा यहीं सवाल पूछते हैं कि क्या कोई ऐप ऐसी है जिससे नकली और असली नोट का पता चल सकता है? इस बारे में अब RBI ने जानकारी दी है।
RBI का कहना है कि मोबाइल एडेड नोट आइडेंटिफ़ायर MANI एक ऐप है, लेकिन ये ऐप उन लोगों के लिए हैं जो देख नहीं सकते हैं। इस नि:शुल्क एप्लीकेशन को एक बार इंस्टॉल करने के बाद इन्टरनेट की आवश्यकता नहीं होती है।
यह एप्लीकेशन नोट के अग्र अथवा पश्च – भाग/हिस्से की जांच करके महात्मा गांधी सीरीज को पहचान करने में सक्षम है। यह मोबाइल एप्लीकेशन किसी नोट के असली अथवा जाली होने को प्रमाणित नहीं करता है।
आइए जानें आरबीआई की MANI ऐप के बारे में…
इस ऐप से दृष्टिबाधितों को नोट किस मूल्यवर्ग का है यानी कितने का है, यह जानने में मदद मिलेगी। इनमें उसकी प्रिंटिंग, नोट का साइज, पैटर्न आदि शामिल हैं।
6 जून 2018 को रिजर्व बैंक की डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी पॉलिसी के बयान में MANI ऐप के बारे में एलान किया गया था। इस ऐप की मदद से महात्मा गांधी सीरीज और महात्मा गांधी (न्यू) सीरीज) के नोटों के मूल्यवर्ग यानी वह कितने रुपये के हैं।
MANI ऐप खुद देती है नोट की जानकारी
इसमें ऑडियो नोटिफिकेशन के जरिए नोट कितने का है, इसकी जानकारी दी जाती है।यह ऑडियो हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में होता है। जिन लोगों को सुनने की कमजोरी है, उनके लिए वाइब्रेशन का मोड मौजूद है।