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कई लोगों को धमकी भरे अंदाज में फोन आता है, जिसमें कहा जाता है कि अगर उन्होंने 24 घंटे के अंदर अपनी केवाईसी डिटेल अपडेट नहीं की तो उनका मोबाइल नंबर डिएक्टिवेट कर दिया जाएगा। इसके माध्यम से लोगों को धोखा दिया जा रहा है। ऐसे में उनके लिए यह जानना मुश्किल हो जाता है कि कहां शिकायत करें। इन सभी कारणों से दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने एक एडवाइजरी जारी की है। मोबाइल यूजर्स के लिए कई अलर्ट जारी किए गए हैं।

अगर आप मोबाइल यूजर हैं तो आपको डीओटी द्वारा जारी की गई एडवाइजरी को ध्यान से पढ़ना चाहिए। यहां हम इसे विस्तार से बता रहे हैं। इसमें शामिल है कि अगर आपके मोबाइल नंबर पर केवाईसी के लिए कॉल आए तो क्या करें और धोखाधड़ी का शिकार होने पर कहां शिकायत करें।

केवाईसी के लिए कॉल एक देश कोड के साथ आती हैं

अगर आपके मोबाइल नंबर के लिए KYC के लिए कॉल आया है तो ये गौर करें कि ये कॉल +92 से शुरूरू होगा। आपको बता दें, यह कंट्री कोड पाकिस्तान का है। वहां बैठे साइबर जालसाज मोबाइल नंबर केवाईसी के लिए कॉल करते हैं और आपको ठग सकते हैं, वे कुछ ही पलों में आपके खाते की डिटेल हासिल कर लेते हैं और आपका खाता एक झटके में खाली कर देते हैं।

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व्हाट्सएप के जरिए कॉल की जाती है

WhatsApp की मदद से आप इंटरनेशनल कॉल कर सकते हैं। इसी वजह से विदेश में बैठे साइबर जालसाज व्हाट्सएप के जरिए ठगी के लिए कॉल करते हैं। यदि आपको कभी भी +91 के अलावा किसी अन्य देश कोड से कॉल आती है, तो आपको ऐसी कॉल नहीं उठानी चाहिए।


धोखाधड़ी होने पर कहां शिकायत करें?

डीओटी ने साइबर धोखाधड़ी के मामलों की शिकायत के लिए संचार सहयोगी पोर्टल www.sancharsthi.gov.in लॉन्च किया है। जहां पर कोई भी ठगा हुआ यूजर लॉगइन कर शिकायत कर सकता है। डीओटी ने +92 कोड से आने वाली कॉल पर कोई भी जानकारी साझा न करने की भी सलाह दी है।

इसके अलावा दूरसंचार विभाग ने साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए 'नो योर मोबाइल कनेक्शन' सुविधा शुरू की है। जहां आप www.sancharsthi.gov.in पोर्टल पर जाकर अपने नाम पर जारी मोबाइल नंबर की जानकारी चेक कर सकते हैं, वहीं अगर कोई नंबर आपकी जानकारी के बिना जारी हुआ है तो उसे डीएक्टिवेट भी करा सकते हैं. आपको बता दें कि DOT ने पहले ही शिकायत दर्ज कराने के लिए साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 और www.cybercrime.gov.in जारी कर रखा है.

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