दिल्ली की अदालत ने बुधवार को जेल में बंद पहलवान सुशील कुमार की याचिका को खारिज का दिया जिसमे उन्होंने जेल में स्पेशल डाइट और सप्लीमेंट्स की मांग की थी।

समानता के अधिकार को संविधान का मूल तत्व बताते हुए अदालत ने कहा कि आवेदन में मांग के लिए कोई ठोस वैधानिक आधार नहीं दिया गया। चीफ मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट सतवीर सिंह लांबा ने आदेश में कहा कि आवेदक की ओर से दायर अर्जी में कहा गया कि वह अपने करियर को आगे भी जारी रखना चाहता है। दावा किया कि सप्लिमेंट और विशेष आहार उसकी शारीरिक मजबूती और फिजिक के लिए जरूरी है।

कोर्ट ने कहा कि साथी पहलवान की हत्या के आरोपी सुशील कुमार किसी बीमारी से पीड़ित नहीं हैं।"कानून समान होना चाहिए और समान रूप से प्रशासित होना चाहिए, जैसा कि समान व्यवहार किया जाना चाहिए,"

सुशील कुमार ने अपनी याचिका में मांग की थी कि उन्हें ओमेगा 3 कैप्सूल, प्री-वर्कआउट सप्लीमेंट और मल्टीविटामिन की गोलियां दी जाएं क्योंकि वह प्रतियोगिताओं की तैयारी कर रहे थे। वह कसरत के लिए व्यायाम बैंड भी चाहते थे।

सुशील कुमार, दो ओलंपिक पदक जीतने वाले एकमात्र भारतीय हैं जिन्हे दिल्ली पुलिस ने 23 मई को राष्ट्रीय राजधानी के छत्रसाल स्टेडियम में अपने जूनियर सागर धनखड़ की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया था।

पुलिस ने आरोप लगाया है कि कुमार और उसके सहयोगियों ने मई में एक विवाद के बाद युवा पहलवान और उसके दो दोस्तों की पिटाई की थी। डॉ धनकड़ की बाद में अस्पताल में मौत हो गई थी।

सुशील कुमार गिरफ्तारी से पहले करीब तीन हफ्ते से फरार था।पहलवान को दिल्ली की मंडोली जेल में एक अलग सेल में रखा गया है। सुरक्षा कारणों से उन्हें किसी से मिलने नहीं दिया जा रहा है।

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