ये है वर्ल्डकप के 5 सबसे अनोखे बैट, जिन्हे विवादों के चलते कर दिया गया बैन
वर्ल्डकप अब अपने आखिरी पड़ाव पर है और सेमी फाइनल मुकाबला न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के बीच खेला जाएगा। इस टूर्नामेंट में टीम इंडिया को विश्व कप जीतने का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। लेकिन एक दिन खराब प्रदर्शन और लक के कारण टीम इंडिया को बाहर होना पड़ा।
लेकिन आज हम आपको विश्व क्रिकेट के 5 बेहद अनोखे बैट बारे में जिनमें से कई को विवादों के चलते प्रतिबंधित कर दिया गया।
थॉमस व्हाइट का चौड़ा बैट
वर्ल्ड कप में पहली बार बैट को लेकर विवाद 25 सितंबर 1771 में हुआ था। चेर्ट्सी और हैंब्लेटन के बीच हुए इस मैच में चेर्ट्सी के बल्लेबाज थॉमस व्हाइट ने एक चौड़े बैट का इस्तेमाल किया था। थॉमस का ये बैट इतना चौड़ा था कि इसी से पूरा स्टंप रुक जाता था। उनके इस बैट को लेकर काफी विवाद हुए और बैट को बैन कर दिया गया और इसके बाद बल्ले की चौड़ाई की सीमा तय कर दी गई।
डेनिस लिली का एल्यूमीनियम बैट
वर्ष 1977 एशेज सीरिज़ के दौरान ऑस्ट्रेलिया के डेनिस लिली उस समय चर्चा में आए थे। उन्होंने अपने लिए एक एल्युमिनियम के बैट का इस्तेमाल किया था। इंग्लैंड टीम के कैप्टनमाइक ब्रेरली ने एंपायरों से शिकायत की। उनका कहना था कि इस बैट से बॉल को काफी नुकसान होता है। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया टीम के कैप्टन ग्रेग चैपल ने मैदान में जाकर उन्हे लकड़ी का बल्ला दिया था।
रिकी पोंटिंग का कार्बन ग्रेफाइट वाला बैट
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग का बैट ग्रेफाइट का था। 2004-05 के दौरान पोंटिंग के बैट को लेकर काफी विवाद हुआ था और कहा गया था कि कॉर्बन ग्रेफाइट की कारण बल्ले में अतिरिक्त पॉवर आ जाती है जो कि बैट्समैन के लिए एक प्लस पॉइंट है।
क्रिस गेल का गोल्डन बैट
वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम क्रिस गेल अपने बैट को लेकर भी चर्चा में रह चुके हैं। साल 2015 में उनके गोल्डन बैट के कारण काफी विवाद हुआ था। दरअसल, विवाद का कारण इस बैट का रंग था। बहुत से लोगो का मानना था कि इस बैट के अंदर मेटल लगा हुआ है।
मैथ्यू हेडन का द मोंगूज बैट
साल 2010 के आईपीएल में आस्ट्रेलिया टीम के बल्लेबाज मैथ्यू हेडन ने इस बैट का इस्तेमाल अपनी बैटिंग के लिए किया था और यह एमएमआई3 का खतरनाक बैट था। इस बैट से मैथ्यू ने 43 गेंदों में 93 रन बनाए थे। हालाकिं इस बैट से हिट करना जितना आसान था डिफेंस उतना ही मुश्किल, जिसके चलते इस बैट का उपयोग बहुत कम हो गया।