आपको जानकारी के लिए बता दें कि विश्व कप 1996 का आयोजन पाकिस्तान, भारत और श्रीलंका में किया गया था। आईसीसी के इस सबसे बड़े टूर्नामेंट का फाइनल मैच लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में खेला गया था। फाइनल मैच में श्रीलंका ने ऑस्ट्रेलिया को शिकस्त देकर पहली बार विश्व विजेता बनने की उपलब्धि हासिल की थी। अब हम बात करते हैं कि श्रीलंका क्रिकेट टीम के बल्लेबाज सनथ जयसूर्या की।

विश्व कप 1996 से पहले खेले गए 98 वनडे मैचों में बतौर ओपनर जयसूर्या का औसत 20 से भी कम था। लेकिन वर्ल्ड कप 1996 के दौरान इस बल्लेबाज का एक अलग ही रूप देखने को मिला। वर्ल्ड कप खत्म होते होते इस बल्लेबाज ने अपनी टीम को विश्व विजेता बनाने में न केवल अहम भूमिका निभाई बल्कि मैन ऑफ द वर्ल्ड कप का खिताब भी अपने नाम कर लिया।

जी हां, 9 मार्च 1996 को पाकिस्तान के फैसलाबाद में सनथ जयसूर्या ने इंग्लैंड के खिलाफ ऐसी तूफानी पारी खेली जिसने वनडे क्रिकेट को ही बदलकर रख दिया। जयसूर्या ने 44 गेंदों में 82 रनों की विस्फोटक पारी खेली थी।
दरअसल 1996 विश्व कप की असली हकदार श्रीलंका क्रिकेट टीम ही थी। इस टीम ने शुरू के 15 ओवरों का ऐसा इस्तेमाल किया कि क्रिकेट जगत की सभी टीमें सन्न रह गई थीं।

विश्व कप 1996 में श्रीलंका ने इंडिया के खिलाफ 4 ओवरों में 50 रन और केन्या के खिलाफ महज तीन ओवरों में 43 रन ठोंक दिए थे। श्रीलंका की टीम ने शुरूआती ओवरों में ही विरोधी टीम की कमर तोड़कर मैच जीतने का नायाब फॉर्मूला निकाला था। इसी क्रम में सनथ जयसूर्या ने 44 गेंदों में 82 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली थी। श्रीलंका की टीम को 236 रनों का लक्ष्य मिला था, लेकिन जयसूर्या की टीम 56 गेंद शेष रहते ही जीत गई थी। विश्व कप 1996 के क्वार्टर फाइनल में श्रीलंका ने इंग्लैंड को 5 विकेट से करारी शिकस्त दी थी।

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