खेलों में सबसे लंबे डोपिंग विवाद के बाद रूस टोक्यो ओलंपिक में एक और नए नाम के साथ कॉम्पिटीशन पेश करेगा. मेडल सेरेमनी के दौरान किसी पोडियम के ऊपर रूस का झंडा नजर नहीं आएगा लेकिन खिलाड़ियों की पोशाकों पर राष्ट्रीय रंगों का इस्तेमाल हो सकता है.

पुराने और नए डोपिंग मामलों का साया अब भी रूस की टीम पर है. पिछले कई सालों के मामलों के लिए टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) की टीम में शामिल 2 तैराकों को सस्पेड किया गया है और दो रोइंग खिलाड़ी पिछले महीने कोरोना पॉजिटिव पाए गए. इस बार टीम रूस और ‘ओलंपिक एथलीट आफ रूस’ के नाम से नहीं उतरेगी. टीम इस बार रूस ओलंपिक समिति (ROC) के नाम से उतरेगी.

खिलाड़ी आधिकारिक रूप से अपने देश नहीं बल्कि आरओसी (ROC) को रिप्रजेंट करेंगे और रूस के नाम, ध्वज और राष्ट्रगान पर प्रतिबंध होगा. आलोचकों का हालांकि कहना है कि रूस की टीमें जब राष्ट्रीय रंगों की पोशाकों के साथ उतरेंगी तो अंतर पहचानना बेहद मुश्किल होगा.

रूस के खिलाड़ियों पर पोशाकों पर लाल, सफेद और नीले रंग का इस्तेमाल होगा लेकिन राष्ट्रध्वज और रूस नाम नहीं लिखा होगा. इसके अलावा कोई और राष्ट्रीय प्रतीक भी नहीं होगा. कलात्मक तैराकी टीम ने कहा कि उन्हें ऐसी पोशाक पहनने से रोका गया जिस पर भालू की तस्वीर बनी थी.

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