IPL 2021 में खेलने के लिए खिलाड़ियों को माननी होंगी ये शर्तें, BCCI ने बनाए नियम-कानून
आईपीएल 2021 नौ अप्रैल से शुरू होने जा रहा है,अबकी बार यह टूर्नामेंट फिर से भारत में ही खेला जा रहा है, कोरोना के चलते आईपीएल के इस सीजन में भी खिलाड़ी बायो बबल में रहेंगे और कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करेंगे। अबकी बार यह टूर्नामेंट 9 अप्रैल से शुरू होगा और 30 मई तक चलेगा।
इस सीजन को लेकर बीसीसीआई (BCCI) ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर बनाया है,इसमें बताया गया है कि खिलाड़ी कैसे रहेंगे, आईपीएल के बायो बबल में कैसे एंटर करेंगे। साथ ही अंपायरों, ब्रॉडकास्टर्स, टीम मालिक को लेकर भी नियम बनाए गए हैं। अभी तक कि जानकारी के अनुसार, आईपीएल 2021 में दर्शकों की एंट्री नहीं होगी, हो सकता है कि टूर्नामेंट के आखिर में जाकर दर्शकों को स्टेडियम में आने दिया जाए।
बीसीसीआई ने खिलाड़ियों के नेशनल टीम के बायो बबल से आईपीएल के बायो बबल में जाने की परमिशन दी है, इसके तहत जो खिलाड़ी अभी अपने-अपने देश की टीमों में खेल रहे हैं वे सीधे अपनी आईपीएल टीम के साथ जुड़ सकते हैं।
आईपीएल 2021 के दौरान कुल 12 बायो बबल बनाए जाएंगे. इनमें आठ बबल टीमों और सपोर्ट स्टाफ के होंगे तो दो बबल मैच ऑफिशियप और मैनेजमेंट के लिए बनाए जाएंगे, बाकी के दो बबल ब्रॉडकास्ट कमेंटेटर्स और क्रू के लिए बनाए जाएंगे. बीसीसीआई ने बताया कि उसके अधिकारी और ऑपरेशंस टीम किसी बी बबल का हिस्सा नहीं होगा,इसका मतलब है कि कोई भी बीसीसीआई अधिकारी किसी भी खिलाड़ी, टीम सपोर्ट स्टाफ, मैच मैनेजमेंट टीम और ब्रॉडकास्ट क्रू से मिल सकता है. जहां तक टीम मालिकों की बात है तो उन्हें बबल में जाने से पहले सात दिन तक होटल में क्वारंटीन होना होगा, इसके बाद ही वे अपनी टीमों से जुड़ पाएंगे।
बीसीसीआई ने बायो बबल के सही से पालन के लिए इंटेग्रिटी मैनेजर्स बनाने का फैसला भी किया है, इसके तहत हर टीम के साथ चार लोग होंगे, इन्हें इंटेग्रिटी मैनेजर्स कहा जाएगा। वे पूरे टूर्नामेंट में उनके साथ रहेंगे, बीसीसीआई ने बताया कि बायो बबल के दौरान यह लोग खिलाड़ियों पर नजर रखेंगे,किसी भी तरह के उल्लंघन पर ये लोग बीसीसीआई के चीफ मेडिकल ऑफिसर को जानकारी देंगे, इसके अलावा बीसीसीआई रिस्ट बैंड के रूप में एक ट्रेकिंग डिवाइस भी देगा, सभी खिलाड़ियों को हर समय इसे पहनना होगा, अगर कोई खिलाड़ी कोरोना टेस्ट में फेल होते हैं तो ट्रेकिंग डिवाइस के जरिए उसके संपर्क में आने वाले लोगों की पहचान करना आसान होगा।