फेयरवेल का मतलब ही होता है, पुरानी स्मृतियाँ और यादों को समेट कर किसी को शुभकामनाओं के साथ विदा करना। हर इंसान के जीवन में यह पल जरूर आता है, जब हम विभिन्न फेयरवेल देते और लेते हैं। फेयरवेल का महत्व तब बढ़ जाता है, जब वह इंसान एक पब्लिक फिगर हो, अर्थात एक ऐसा व्यक्ति जिसके लाखो दर्शक हो। पर उसी पब्लिक फिगर को अगर सम्मान से विदाई न मिले तो उस व्यक्ति के साथ साथ उनके चाहने वालों को भी निराशा होती हैं। हम आज आपको बताने जा रहे भारतीय क्रिकेट टीम के 5 दिग्गज खिलाड़ियों के बारे में, जिन्हें संन्यास लेने के बाद पूरे सम्मान के साथ मैदान से विदाई नहीं मिली।

महेंद्र सिंह धोनी

आईसीसी वर्ल्ड टी-20 (2007), क्रिकेट वर्ल्ड कप (2011) और आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी (2013) भारत के नाम करने वाले दिग्गज पर्व कप्तान के तौर पे जाने जानें वाले महेंद्र सिंह धोनी उन 5 खिलाड़ियों में से एक है, जिन्हें संन्यास लेने के बाद पूरे सम्मान के साथ मैदान से विदाई नहीं मिली। इस खिलाड़ी ने पहले दिसंबर 2014 में टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास ली, इसके बाद 15 अगस्त 2020 को वनडे से और टी-20 इंटरनेशनल से। इस अचानक संन्यास लेने से उनके फैंस को बहुत निराशा हुई।

वीरेंद्र सहवाग

वीरेंद्र सहवाग अपने समय के दिग्गज खिलाड़ियों में से एक है, जिनकी खेल की प्रशंसा आज भी होती हैं। इस खिलाड़ी ने अपने नाम 104 टेस्ट में 49.34 के औसत से 8586 रन बनाए और 251 वनडे में 8273 रन बनाए इसके अलावा 19 टी-20 मैचों में इन्होंने 394 रन बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया हैं। जिसमें 23 शतक और 32 अर्धशतक शामिल है, उनका बेस्ट स्कोर 319 है, और उनका सर्वाधिक स्कोर 68 रन रहा हैं। इतनी अच्छी कैरियर के बावजूद उन्होंने 2015 में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था, लेकिन इन्हें भी विदाई मैच का सम्मान नहीं मिला।

गौतम गंभीर

2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2011 वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल के हीरो के तौर पे जाने जानें वाले गौतम गंभीर को भी इस सम्मान का हक नहीं मिला। इस खिलाड़ी के नाम 147 वनडे इंटरनेशनल में 39.68 की औसत से 5238 रन बनाने का रिकॉर्ड है, इतनी अच्छी पारी खेलने के बावजूद इन्होंने अपनी कैरियर से संन्यास 2018 में ले लिया।

राहुल द्रविड़

राहुल द्रविड़ के संन्यास लेने का कारण इंटरनेशनल क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर खराब प्रदर्शन था। इस खिलाड़ी को टेस्ट और वनडे दोनों में 10,889 रन 13,288 रन बनाने का रिकॉर्ड हैं। यह रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर के अलावा इन्हीं के नाम हैं। 301 पारियों में 210 कैचफील्डर के तौर पर सबसे ज्यादा कैच लेने का भी वर्ल्ड रिकॉर्ड इनके नाम हैं।

जहीर खान

बाएं हाथ के तेज गेंदबाज के तौर पे जाने जानें वाले इस खिलाड़ी ने संन्यास 2017 में लिया, पर विदाई समारोह से नवाजा नही गया। इंटरनेशनल क्रिकेट में 600 से ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड इस खिलाड़ी के नाम हैं।

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