साल 1998 में 5 टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने के लिए इंग्लैंड की टीम वेस्टइंडीज दौरे पर थी। सीरीज का पहला मैच जमैका में खेला जा रहा था। इंग्लैंड की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया। इंग्लैंड के 2 विकेट 4 रन पर ही गिर गए। तीसरा विकेट 9 रन पर। अभी कुल 62 गेंदें ही फेंकी गई थी, उस वक्त 17 रन पर 3 विकेट गिर चुके थे। कोर्टनी वॉल्श और एम्ब्रोज़ की गेंदे आग उगल रही थीं, जबकि कप्तान अथरटन पवेलियन में बैठे हुए थे।

उन्होंने बैट्समैन को हा​थ दिखाया और ड्रेसिंग रूम में वापस आने का इशारा किया। दरअसल कप्तान अथरटन अपने बल्लेबाजों को वापस नहीं बुलाते तो इंग्लैंड के कई खिलाड़ी अस्पताल में मिलते। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इंग्लैंड के खिलाड़ी अस्पताल में क्यों होते?दरअसल जमैका की पिच इतनी खतरनाक थी कि एक घंटे के इस खेल में मैच कई बार रोका गया। इंग्लैंड के खिलाड़ियों जबरदस्त चोटें लग रही थीं, ऐसे में महज एक घंटे के अंदर फिजियो वायने मोर्टन को पिच पर 6 बार आना पड़ा था।

इंग्लैंड क्रिकेट टीम के कैप्टन अथरटन ने कहा था- पिच बहुत खतरनाक थी। खिलाड़ियों की सुरक्षा भी बहुत जरूरी थी। इसलिए मैंने अपने बैट्समैन को वापस बुलाया था। यहां तक कि मैच रेफरी ने भी इस पिच को बहुत खतरनाक बताया था। इसके बाद वेस्ट इंडीज़ के कप्तान ब्रायन लारा, इंग्लैंड टीम के कैप्टन अथरटन तथा अंपायर ने मिलकर वो मैच रद्द करने का निर्णय लिया।

दरअसल अथरटन के दिमाग में यह बात पहले से थी कि जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ेगा, यह पिच खतरनाक होती जाएगी। लेकिन उन्हें यह नहीं मालूम था कि पहले ही ओवर से यह पिच बहुत खराब हो जाएगी।

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