T20 World Cup 2022: ICC लॉ के मुताबिक 'फेक फील्डिंग' का मतलब क्यों होता है?
2022 टी20 वर्ल्ड कप में भारत और बांग्लादेश के बीच हुआ मैच कुछ विवादों के साथ खत्म हुआ। बारिश के ब्रेक के बाद जब खेल दोबारा शुरू हुआ तो मैदान की स्थिति पर सवाल उठे तो वहीं बांग्लादेश के कीपर-बल्लेबाज नुरुल हसन ने विराट कोहली पर 'फर्जी फील्डिंग' करने का आरोप लगाया था.
बांग्लादेश के विकेटकीपर नुरूल हसन द्वारा आरोप लगाया गया कि विराट कोहली ने मैच के दौरान चीटिंग की और फेक फील्डिंग से हमारी टीम को कन्फ्यूज़ किया। बांग्लादेश ने विराट कोहली जैसे बड़े प्लेयर पर आरोप लगाया तो अलग-अलग बयान भी आने लगे हैं. लेकिन आईसीसी की नियमावली पर नज़र डालें तो विराट कोहली पर आरोप लगाने वाली बांग्लादेश की टीम खुद इस मामले में फंस सकती है।
क्या कहता है आईसीसी का नियम?
आईसीसी की खेलने की शर्तों के नियम 41.5 के अनुसार फील्डिंग करने वाली टीम बल्लेबाज को जान बूझकर बाधा नहीं पहुंचा सकती या उसका ध्यान नहीं भटका सकता। अगर अंपायर को ऐसा लगता है कि किसी खिलाड़ी ने नियम तोड़ा है तो वह डेड बॉल घोषित करके पेनल्टी के पांच रन दे सकते हैं। चूंकि शंटो और लिटन ने कोहली की तरफ देखा भी नहीं तो उनका ध्यान भटकने का सवाल ही नहीं उठता।
ऐसे में नियम यह कहता है कि मैच अधिकारियों पर इस तरह बिना सबूत बड़ा आरोप लगाने वाले खिलाड़ी पर आईसीसी द्वारा एक्शन लिया जा सकता है. यानी विकेटकीपर नुरूल हसन खुद ही विराट कोहली पर आरोप लगाकर आड़े हाथों आ सकते हैं. जिन्होंने अंपायर्स पर विराट कोहली की फेक फील्डिंग पर नहीं ध्यान देने का आरोप लगाया.