ऑस्ट्रेलिया में हुए टी-20 विश्व कप में सेमीफाइनल मुकाबले में भारतीय टीम की शर्मनाक हार के साथ ही टीम में बदलाव की मांग होने लगी है। t20 विश्व कप में दूसरी बार टीम इंडिया 1 साल के अंदर खाली हाथ लौटी है और ऐसे में अब टीम इंडिया के कई खिलाड़ियों के T20 इंटरनेशनल करियर पर खतरा मंडराने लगा है और उनका अगली t20 विश्व कप में खेलना लगभग असंभव हो सकता है। जाहिर तौर पर बदलाव होना तय है लेकिन यह कैसे होंगे और कब होंगे इसके बारे में अभी तक कोई साफ जानकारी हासिल नही हो पाई है। इसी बीच एक ऐसा संकेत मिला है जो विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ियों के लिए भी दरवाजे बंद कर देगा अब 2 साल बाद यानी 2024 में होने वाले T20 विश्व कप के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड अभी से ही तैयारियों के लिए योजना बनाने का काम करने लगा है इस योजना का एक बड़ा हिस्सा खिलाड़ियों का चयन करना होगा इसके लिए एक रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि आने वाले वक्त के लिए ज्यादा उम्र वाले खिलाड़ियों को टीम में शामिल नहीं किया जाएगा।


* 30 साल से ज्यादा उम्र के खिलाड़ियों को नहीं दी जाएगी जगह :

रिपोर्ट के अनुसार बताया गया है कि आने वाले T20 विश्व कप में बीसीसीआई टीम को तैयार करने के लिए एक बड़ा फैसला लेने वाला है और इस फैसले में युवा खिलाड़ियों को आज हमारे पर जोर रहेगा इस नियम के तहत 30 साल से ज्यादा उम्र के खिलाड़ियों को अब T20 टूर्नामेंट में जगह मिलने की संभावना कम दिखाई दे रही है। BCCI के द्वारा दी गई जानकारी से बताया जा रहा है कि बोर्ड विचार कर रहा है कि इससे खिलाड़ियों के वर्क लोड को मैनेज करने में भी मदद मिलेगी क्योंकि अगले साल मुख्य रूप से ध्यान टेस्ट और वनडे पर रहेगा। हालांकि अभी उम्र वाले इस फैसले पर पूरी तरह से निर्णय नहीं किया गया है।


* जाने किन खिलाड़ियों पर होगा असर :

इस बास्केट विश्व कप खेलने गई भारतीय टीम की औसत उम्र करीब 30 साल थी। जो टूर्नामेंट में बाकी सभी टीमों की तुलना में काफी ज्यादा थी अगर बीसीसीआई इस तरह का फैसला करता है तो कप्तान रोहित शर्मा और रविचंद्रन अश्विन तथा विराट कोहली मोहम्मद शमी और दिनेश कार्तिक जैसे खिलाड़ियों की इस फॉर्मेट में वापसी नहीं होगी। यह सभी खिलाड़ी 30 साल से ज्यादा के हैं हालांकि सूर्यकुमार यादव जो 32 साल के हैं उनको लेकर टीम में अपवाद की स्थिति अपनाई जा सकती है क्योंकि वह इस फॉर्मेट में भारत के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज साबित हुए हैं। ना सिर्फ विश्वकप में बल्कि पिछले कुछ महीनों से हर मैच में।

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