क्रिकेट जगत में सचिन को 'भगवान' दर्जा प्राप्त है। क्रिकेट जगत का शायद ही ऐसा कोई रिकॉर्ड होगा जो सचिन ने नहीं बनाया हो। सचिन को भारत रत्न, पदम् श्री, राजीव गाँधी खेल रत्न, विज्डन क्रिकेट ऑफ़ द ईयर जैसे कई सम्मान मिल चुके है। सचिन टेस्ट और वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने समेत कई रिकॉर्ड बना चुके है। लेकिन आज हम आपको क्रिकेट जगत के उन सम्मानों के बारे में बता रहे है जो कि सचिन को कभी नहीं मिले है।

सचिन ने लॉर्ड्स के मैदान पर पारम्परिक घंटी कभी नहीं बजाई है। लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राऊंड पर एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर या क्रिकेट जगत की जानी मानी हस्ती द्वारा घंटी बजाने की यह परंपरा 2007 में शुरू की गई है। यह घंटी टेस्ट मैच में पहले दिन खेल शुरू होने से पहले बजाई जाती है और इसे बहुत सम्मान की बात माना जाता है।

भारत की तरफ से संजय मांजरेकर, राहुल द्रविड़, कपिल देव, सौरव गांगुली, दिलीप वेंगसरकर और सुनील गावस्कर यह सम्मान हासिल कर चुके है। सचिन को भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैच से पहले यह पारम्परिक घंटी बजाने के लिए आमंत्रित किया गया था लेकिन इस मैच में पहले दिन का खेल बारिश की वजह से संभव नहीं हो सका था।

क्रिकेट जगत की इतनी सम्मानित हस्ती होने के बावजूद सचिन को अभी तक 'आईसीसी हॉल ऑफ़ फेम' में शामिल नहीं किया गया है। भारत की तरफ से बिशन सिंह बेदी, कपिल देव, सुनील गावस्कर, अनिल कुंबले और हाल ही में राहुल द्रविड़ को यह सम्मान मिल चुका है। आईसीसी के नियमों के अनुसार जिन खिलाड़ियों ने नॉमिनेट होने के 5 वर्षो तक इंटरनेशनल क्रिकेट नहीं खेला है, सिर्फ उन्हें ही यह सम्मान मिल सकता है। राहुल द्रविड़ ने 2012 में क्रिकेट को अलविदा कहा था और उन्हें यह सम्मान 2018 में मिला था वहीं 2013 में संन्यास लेने वाले सचिन अगले वर्ष इस सम्मान को पा सकते है।

कोई भी क्रिकेटर लॉर्ड्स स्टेडियम में शतक लगाकर और 5 या 10 विकेट लेकर लॉर्ड्स होनर्स बोर्ड पर अपना नाम दर्ज करवा सकता है। टेस्ट क्रिकेट में 51 शतक लगाने वाले सचिन ने लॉर्ड्स में एक भी शतक नहीं लगाया है और इस वजह से उनका नाम इस होनर्स बोर्ड पर दर्ज नहीं है। इस बोर्ड पर ब्रायन लारा, इमरान खान, रिकी पोंटिंग और शेन वार्न जैसे दिग्गज खिलाडियों को भी जगह नहीं मिली है।

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